PM Modi In Bihar| थोड़ी देर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का करेंगे उद्घाटन, जानें इसकी खासियत
आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मददगार साबित होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को बिहार के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से विशेष विमान से सुबह गया एयरपोर्ट पहुंचे हैं। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से नालंदा पहुंच रहे हैं। राजगीर में नालंदा में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन करना है।
बता दें कि बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष का अवलोकन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद खास है क्योंकि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार बिहार जा रहे हैं। नालंदा यूनिवर्सिटी कैन ई केंपस के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में लिखा, ‘‘ यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मददगार साबित होगा।’’ बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे गणमान्य लोगों के समारोह में शामिल होंगे।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नालंदा के पास बने गया एयरपोर्ट तक विमान से पहुंचे है। इसके बाद वो नालंदा के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। बता दें कि विश्वविद्यालय का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के काफी पास बना हुआ है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई थी। इस अधिनियम में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए वर्ष 2007 में फिलीपीन में आयोजित दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय को लागू करने का प्रावधान किया गया है।
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी जहां दुनियाभर से छात्र अध्ययन के लिए आते थे। विशेषज्ञों के अनुसार, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए जाने से पहले यह प्राचीन विश्वविद्यालय 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा। विश्वविद्यालय में छह अध्ययन केंद्र हैं जिनमें बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल; ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल; पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल; और सतत विकास और प्रबंधन स्कूल शामिल हैं।
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