PM Modi-Keir Starmer Meet in Mumbai | भारत-UK रणनीतिक साझेदारी को मिला नया आयाम, 'विजन 2035' पर फोकस

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ANI
रेनू तिवारी । Oct 9 2025 11:32AM

प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर ने मुंबई में भारत-यूके रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित वार्ता की। इस चर्चा में व्यापार, निवेश, रक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर बल दिया गया, साथ ही हालिया मुक्त व्यापार समझौते को विकास का 'लॉन्चपैड' बताया गया, जिससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होने का अनुमान है। यह मुलाकात दोनों देशों के भविष्य के आर्थिक और रणनीतिक लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके दौरे पर आए ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर ने आज मुंबई में मुलाकात की और विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से बातचीत में शामिल होने वाले हैं।उनकी चर्चाओं में सीईओ फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भागीदारी के साथ-साथ व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा, जलवायु और शिक्षा में सहयोग भी शामिल होगा।

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चर्चा के दौरान मुख्य रूप से व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। ब्रिटिश नेता ब्रिटेन के 125 सबसे प्रमुख व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों और शिक्षाविदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार सुबह दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे। स्टार्मर की भारत यात्रा दोनों देशों द्वारा एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के ढाई महीने बाद हुई है।

इस समझौते से बाजार पहुंच बढ़ेगी, शुल्क में कटौती होगी और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी की जुलाई में हुई लंदन यात्रा के दौरान व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया गया था। स्टार्मर ने बुधवार को अपनी टिप्पणी में कहा कि यह व्यापार समझौता दोतरफा विकास के लिए एक ‘‘लॉन्चपैड’’ है और इससे भारत के 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने का मार्ग प्रशस्त होगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने जुलाई में भारत के साथ एक बड़ा व्यापार समझौता किया था, जो किसी भी देश द्वारा सबसे सुरक्षित है। हालांकि, कहानी यहीं खत्म नहीं होती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, यह विकास का एक ‘लॉन्चपैड’ है। भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और उसके साथ व्यापार तेज और किफायती होने वाला है, ऐसे में हमारे सामने आने वाले अवसर बेजोड़ हैं।’’

इस वार्ता में भारतीय पक्ष द्वारा ब्रिटेन की धरती से कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर अपनी चिंताओं को उठाने के साथ-साथ विजय माल्या और नीरव मोदी सहित कई अरबपति भगोड़ों के ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण की भी वकालत करने की उम्मीद है।

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