चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1500 से अधिक मामले हुए दर्ज, रेलवे ने दी जानकारी
शभर में चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। ये आंकड़ा वर्ष 2022 का है जिसे रेल मंत्रालय ने जारी किया है। इन मामलों में कुल 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। पथराव के कारण ‘वंदे भारत’ रेलगाड़ियों को भी नुकसान हुआ है।
नयी दिल्ली। पिछले वर्ष देशभर में चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए और 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। रेलवे ने बुधवार को यह जानकारी दी। रेलवे ने बताया कि पथराव के कारण ‘वंदे भारत’ रेलगाड़ियों को भी नुकसान हुआ है। इस महीने की शुरुआत में कंचारपालेम इलाके के विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत रेलगाड़ी के डिब्बों पर पथराव किया गया था जिसमें रेलगाड़ी के कई शीशे टूट गए थे।
रेलवे ने एक बयान में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की साल भर की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है। बयान में कहा गया है कि ‘वर्ष 2022 में आरपीएफ द्वारा चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1,503 मामले दर्ज किये गये थे और 488 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरपीएफ द्वारा रेलवे की पटरियों के निकट निवासियों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न माध्यमों के जरिये कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान के दौरान रेलगाड़ियों में ज्वलनशील पदार्थ /पटाखे ले जा रहे 100 से अधिक व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया।
रेलवे ने बताया कि अन्य रेलगाड़ियों पर पथराव की कई घटनाओं की जानकारी नहीं दी जाती हैं। स्वदेशी निर्मित ‘वंदे भारत’ पर पथराव के मामले व्यापक रूप से सुर्खियों में रहे हैं। इस तरह की पहली रेलगाड़ी शुरू होने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के टूंडला में पथराव किया गया था। रेलगाड़ी पर यहां सदर के निकट पथराव किया गया और इस दौरान एक डिब्बे की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए थे। रेलवे स्थानीय लोगों को समझाने के लिए आरपीएफ की मदद ले रही है। रेलवे ने बुधवार को बयान में कहा कि आरपीएफ ने इस साल अब तक रेल परिसरों से 17,500 से अधिक बच्चों और तस्करों के चंगुल से 559 लोगों को बचाया है।
इसमें कहा गया है कि ‘ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते’ के तहत, आरपीएफ उन बच्चों की पहचान करता है और उन्हें बचाता है, जो विभिन्न कारणों से खो गए हैं या अपने परिवार से अलग हो गए हैं। आरपीएफ ने 852 उन यात्रियों की जान भी बचाई, जो रेलगाड़ियों में चढ़ते समय फिसल गए थे। आरपीएफ ने अपराधों में शामिल 5,749 अपराधियों को भी जीआरपी/पुलिस को सौंप दिया। इनमें 82 नशाखोर, 30 डकैत, 380 लुटेरे, 2628 चोर और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल 93 लोग हैं।
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