Russia-Ukraine War: ट्विटर पर भीड़ गए प्रियंका चतुर्वेदी और पोलैंड के राजदूत, पूर्व पीएम देवेगौड़ा बोले- यह राजनीति का समय नहीं
मैं अपने अनुभव से यह जानता हूं यह एक मुश्किल ऑपरेशन है। हमें लोगों को यूक्रेन से निकाले जाने की कार्यवाई की राजनीतिकरण करने से परहेज करना चाहिए। देवेगौड़ा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना ऑपरेशन में शामिल लोगों के मनोबल को कमजोर करेगा।
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और सभी छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस काम के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकारी मशीनरी चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रहें। इन कोशिशों के बीच शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भारत सरकार की कोशिशों पर सवाल उठाए हैं।
ट्विटर पर हुई तू तू मैं मैं
प्रियंका चतुर्वेदी ने स्टूडेंट्स को यूक्रेन से सुरक्षित निकाले जाने की कोशिशों पर ट्वीट करके सवाल उठाए, जिस पर पोलैंड के राजदूत ने उन्हें जवाब भी दिए। ट्विटर पर दोनों पक्षों के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई।
क्या कहा प्रियंका चतुर्वेदी ने
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से निकालने का मुद्दा भारत में अब काफी गर्म हो चला है। इसे लेकर सोमवार की देर शाम शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी और भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुरकोव्स्की के बीच तू तू मैं मैं हो गई। दरअसल राज्यसभा में शिवशेना के उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी रविवार से ही यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की समस्याएं अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए जोर शोर से उठाते हुए उनके लिए सहायता की गुहार लगा रही थी। लेकिन सोमवार की शाम लगभग 5 बजे उन्होंने पोलैंड और लिथुआनिया के दूतावास और भारतीय विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए एक ट्वीट किया।
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा नमस्ते@IndianPoland, बहुत से भारतीय छात्रों को पोलैंड में घुसने से रोक दिया गया है। कुछ छात्रों को जिन्हें कल(रविवार) को इजाजत दी गई थी उन्हें भी वापस भेज दिया गया है। इससे घर पर उनके माता-पिता डर गए हैं। ऑपरेशन गंगा ( यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के अभियान) और भारतीय विदेश मंत्रालय से अनुरोध है कि भी इसमें दखल दें।
इसके बाद भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुरकोव्स्की ने प्रियंका चतुर्वेदी के इस ट्वीट का जवाब देते हुए रात लगभग 9:15 बजे लिखा की उनका यह आरोप बिल्कुल सच नहीं है। उन्होंने लिखा मैडम ये आरोप बिल्कुल भी सच नहीं है। पोलैंड की सरकार ने यूक्रेन से लगती सीमा से घुसने से किसी को भी मना नहीं किया है।इस ट्वीट में उन्होंने प्रियंका चतुर्वेदी को जवाब दिया, कृपया अपने संपर्क सूत्रों की जांच कर लें। इसके साथ ही उन्होंने फेक न्यूज़ न फैलाने का भी अनुरोध किया।
लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। देर रात करीब 10:45 बजे प्रियंका चतुर्वेदी मैं एक और ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने एडम बुरकोव्स्की, भारत में पोलैंड और लिथुआनिया के दूतावास के साथ ऑपरेशन गंगा के टि्वटर हेल्पलाइन और भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची को भी टैग किया।
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, सर पूरे सम्मान के साथ कह रही हूं कि जो आप कह रहे हैं, छात्र वही बात नहीं कह रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि आप ने इस खबर को फेक न्यूज़ बताया है, लेकिन मुझे वहां फंसे हुए लोगों के नंबर और उनके नाम साझा करते हुए खुशी होगी। और मैं तारीफ करूंगी कि यदि फेक न्यूज़ का हल्ला करने से पहले खबर की तह तक जाने की जरूरी तहजीब दिखाई जाती। धन्यवाद।
उसके बाद इस ट्वीट के जवाब में भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुरकोव्स्की ने लिखा, और प्लीज मैडम मैं मदद के लिए हमेशा तैयार हूं। मैं अपना नंबर यहां शेयर नहीं कर सकता लेकिन प्लीज मुझे सीधा मैसेज भेजिए।
उसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने जवाब देते हुए ट्वीट किया, नहीं मैं आपको सीधा मैसेज नहीं करूंगी। भारत में पोलैंड के दूतावास से मदद की मेरी गुहार पर बिना मेरा जवाब जाने आपने अभी इसे फेक न्यूज़ करार दे दिया। मेरा नंबर और कॉन्टैक्ट डिटेल्स जगजाहिर है और आपकी आरोप लगाने से पहले सारे तथ्य मेरे हाथों में है।
पूर्व पीएम देवेगौड़ा बोले- यह राजनीति का वक्त नहीं
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने भी सोमवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए और इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा है, मैं यूक्रेन में फंसे हमारे युवाओं के वीडियो देख रहा हूं, वहां से निकलने के लिए गुहार लगा रहे हैं। सहायता मांग रहे हैं। उनकी हालत देखकर दिल दहल जा रहा है। मैं उनकी सकुशल घर वापसी की छटपटाहट को समझ सकता हूं, लेकिन जब उस देश में युद्ध चल रहा हो, अनिश्चितता का माहौल हो और जब ऑपरेशन लिंक टूट जाते हैं, तो ऐसे समय में बस यही मुनासिब है कि हम हमारे अधिकारियों और दूतावासों को समर्थन दें।
मैं अपने अनुभव से यह जानता हूं यह एक मुश्किल ऑपरेशन है। हमें लोगों को यूक्रेन से निकाले जाने की कार्यवाई की राजनीतिकरण करने से परहेज करना चाहिए। देवेगौड़ा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना ऑपरेशन में शामिल लोगों के मनोबल को कमजोर करेगा। संकट के इस दौर में नंबर बढ़ाने की सोच से छवि खराब होगी। हमें एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
आपको बता दें सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि यूक्रेन से अब तक 6 उड़ानों के जरिए 1400 नागरिकों को निकाला जा चुका है। सोमवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि 4 उड़ाने बुखारेस्ट (रोमानिया) और दो उड़ाने बुडापेस्ट (हंगरी) से भारत आई हैं। इस दौरान उन्होंने बताया था कि जमीन पर हालात बेहद जटिल और चिंताजनक है। लेकिन वहां से लोगों को निकालने में तेजी लाई जा रही है और जब इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, तब 8000 भारतीय नागरिक यूक्रेन में थे।
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