Russia-Ukraine War: मंगलवार को यूक्रेन संकट पर राज्यसभा में बयान देंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर

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अंकित सिंह । Mar 14 2022 9:24PM

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य डॉ वी शिवदासन ने नोटिस दिया था। इसी के बाद राज्यसभा के सभापति ने यह निर्णय लिया है। हालांकि आज राज्यसभा में यूक्रेन से लौटे छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताई गई और सरकार से अनुरोध किया गया कि वे इससे दिशा में कोई ठोस कदम उठाएं।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। दोनों देशों के बीच से 19 दिनों से यह लड़ाई चल रही है। हालांकि भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को ऑपरेशन गंगा के तहत निकाला है। इसी को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को राज्यसभा में बयान देंगे। इस बात की जानकारी राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने खुद ही दी। दरअसल, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य डॉ वी शिवदासन ने नोटिस दिया था। जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री दोपहर 2 बजे अपना बयान देंगे। इसी के बाद राज्यसभा के सभापति ने यह निर्णय लिया है। हालांकि आज राज्यसभा में यूक्रेन से लौटे छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताई गई और सरकार से अनुरोध किया गया कि वे इससे दिशा में कोई ठोस कदम उठाएं।

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दूसरी ओर सरकार ने भी कहा है कि वह छात्रों के हित में बेहतर फैसले लेगी। आपको बता दें कि ऑपरेशन गंगा के तहत से भारत ने वहां फंसे छात्रों को स्वदेश वापसी कराया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार यूक्रेन संकट पर समीक्षा बैठक करते रहे हैं। यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से उनकी पढ़ाई में बहुत बड़ी बाधा पहुंची है। लेकिन सवाल यह भी है कि सभी छात्र तो यूक्रेन से वापस लौट गए हैं परंतु उनके भविष्य का क्या होगा? वेणुगोपाल ने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए सरकार क्या कर रही है, इस बारे में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। सरकार को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’ 

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तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने कहा कि हजारों की संख्या में मेडिकल शिक्षा की पढ़ाई करने छात्र यूक्रेन गए थे लेकिन युद्ध की स्थिति में वे वहां फंस गए। उन्होंने कहा कि वह सुरक्षित तो स्वदेश आ गए लेकिन अब उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को छात्रों के साथ ही सभी हितधारकों से बात करके छात्रों की आगे की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।’’ बीजू जनता दल (बीजद) के अमर पटनायक ने सुझाव दिया कि देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में दो से पांच प्रतिशत तक सीटों की संख्या बढ़ाकर यूक्रेन से लौटे छात्रों को समाहित किया जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन ने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी हो, इसके लिए सरकार को कुछ विशेष कदम उठाने होंगे। इस पर, सभापति नायडू ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर काम करने की जरूरत है। 

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