कुंभ मेले में खोए बच्चों को ढूंढने में प्रशासन की मदद करेगा सत्यार्थी फाउंडेशन
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन ने कहा कि कुंभ में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी बड़ी संख्या में आते है और इन बच्चों पर मानव तस्करी से जुड़े समूहों की नजर रहती है। ऐसे में हम खोने वाले बच्चों को ढूंढने की मदद के लिए अपने स्वयंसेवी तैनात करेंगे।
नयी दिल्ली। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी की संस्था ने सोमवार को कहा कि वह मंगलवार से आरंभ हो रहे कुंभ मेले के दौरान खोने वाले बच्चों को ढूंढने में प्रशासन की मदद के लिए अपने स्वयंसेवी तैनात करेगी। ‘कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन’ ने एक बयान में कहा, ‘कुंभ में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी बड़ी संख्या में आते है और इन बच्चों पर मानव तस्करी से जुड़े समूहों की नजर रहती है। ऐसे में हम खोने वाले बच्चों को ढूंढने की मदद के लिए अपने स्वयंसेवी तैनात करेंगे।’
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वैसे, बच्चों तथा अन्य लोगों के खोने की स्थिति में उनके ढूंढने में मदद के मकसद से राज्य सरकार एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुंभ मेले में कई जगहों पर खोया-पाया केंद्रो की भी स्थापना भी की है। उत्तर प्रदेश पुलिस भी कुंभ के दौरान 14 साल से कम उम्र के बच्चों को ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान’ (आरएफआईडी) टैग लगाएगी, ताकि यहां भीड़ में खोने वाले बच्चों का पता लगाया जा सके।
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