इस मामले को लेकर अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़े शशि थरूर
थरूर के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में एक आम सहमति है कि पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को अगले क्रिकेट विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने की पैरवी की तो पार्टी ने आधिकारिक रूप से इसे खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सरजमीं से भारत के खिलाफ आतंकवाद पर पूरी तरह विराम लगने तक क्रिकेट मुकाबला नहीं होना चाहिए। दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले की वजह से विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलने से जुड़ी मांग की पृष्ठभूमि में थरूर ने कहा कि मैच नहीं खेलना आत्मसमर्पण करने से भी बुरा होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पुलवामा हमले से जुड़ी अपनी कोताही से ध्यान भटकाना चाहती है।
Our government did not even declare national mourning wants to cancel a match 3 months from now? Is that a serious response to 40 lives taken in cold blood? BJP wants2divert attn from its own fecklessness&inept handling of the crisis.We need effective action, not gesture politics https://t.co/KJZjAVDX72
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 22, 2019
थरूर के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में एक आम सहमति है कि पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है। अगर पाकिस्तान ये कहता है कि उसकी सरकार इस आतंकी हमले में लिप्त नहीं है तो इमरान खान आतंकी मसूद अजहर को गिरफ्तार क्यों नहीं करते हैं?’’तिवारी ने कहा, ‘‘ जब तक पाकिस्तान से भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रोत्साहन मिलना बंद नहीं हो जाता, तब तक ये क्रिकेट-विकेट का खेल आगे नहीं चलना चाहिए। भारत को पाकिस्तान के साथ कड़ा रुख अपनाने की जरुरत है और उस कड़े रुख में क्रिकेट भी शामिल है।’’
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इससे पहले, थरूर ने ट्वीट कर कहा, जिस वक्त करगिल युद्ध अपने चरम पर था, उस समय भारत ने विश्वकप में पकिस्तान के खिलाफ मैच खेला और जीता। इस बार मैच छोड़ना न सिर्फ दो अंक गंवाना होगा, बल्कि यह समर्पण करने से भी ज्यादा बुरा होगा क्योंकि यह हार बिना संघर्ष किए होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रीय शोक भी घोषित नहीं किया, अब वे उस मैच को रद्द करना चाहते हैं जो तीन महीने बाद है। क्या 40 जिंदगियां जाने का यही गंभीर उत्तर है?’’
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