मोदी सरकार 2 में महिलाओं की संख्या में आई गिरावट, इन चेहरों को मिली प्रमुखता

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[email protected] । May 31 2019 12:23PM

नयी सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या पिछली सरकार की तुलना में कम है, हालांकि 2019 में अधिक महिला सांसद चुन कर आई हैं। मोदी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में आठ महिला मंत्री शामिल थी।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार ने बृहस्पतिवार को शपथ ली जिसमें अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी समेत छह महिला मंत्रियों ने शपथ ली। नयी सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या पिछली सरकार की तुलना में कम है, हालांकि 2019 में अधिक महिला सांसद चुन कर आई हैं। मोदी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में आठ महिला मंत्री शामिल थी। 

स्मृति ईरानी: क्योंकि सांस भी कभी बहू थी सीरियल से लोगों के बीच अपनी पकड़ बनाने वाली स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के गढ़ में घुसकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 55,120 मतों के अंतर से हराया और लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं। पिछली सरकार में स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री, सूचना प्रसारण और फिर कपड़ा मंत्री रहीं थी।

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हरसिमरत कौर बादल: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल शिरोमणि अकाली दल की कद्दावर नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी की लंबे समय से सहयोगी रही शिअद लोकसभा में सिर्फ दो सीटें जीत सकी। संयोग से एक सीट हरसिमत कौर बादल के पति सुखबीर सिंह बादल ने जीती तो दूसरी खुद उन्होंने। उनके ससुर प्रकाश सिंह बादल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पितातुल्य मानते रहे हैं। ऐसे में बादल परिवार का कैबिनेट में शामिल होना तो निश्चित ही था।

निर्मला सीतारमण: पिछली सरकार में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण के कार्यकाल में सेना के जज्बे को दुनियाभर में सलाम किया गया। उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने कई सारी उपलब्धियां हासिल और संसद में उन्होंने विपक्ष को राफेल मुद्दे पर जमकर लताड़ा और राफेल मामले को सभी के सामने स्प्ष्ट भी किया था। सीतारमण के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तेरह दिन के भीतर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए। इस्राइल और अमेरिका के साथ रक्षा सौदों में सीतारमण की भूमिका अहम रही। 

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साध्वी निरंजन ज्योति: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साध्वी निरंजन ज्योति केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री थीं। दिसंबर 2014 में साध्वी निरंजन ज्योति ने कथित रूप से कुछ सांप्रदायिक टिप्पणियां करके विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने एक चुनावी रैली में विवादास्पद टिप्पणी की थी जिससे भाजपा सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। इससे आक्रोशित विपक्ष ने उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के मतदाताओं को ‘रामजादे’ और ‘हरामजादे’ के बीच चयन करने को कहा था। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर संसद में भारी विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद ज्योति को ‘गहरा खेद’ जताना पड़ा। लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने से पहले वह उत्तर प्रदेश विधानसभा में 2012 से 2014 तक हमीरपुर से विधानसभा सदस्य थीं।

रेणुका सिंह सरूता: छत्तीसगढ़ के सरगुजा से निर्वाचित हुईं रेणुका सिंह सरूता ने कांग्रेस के कद्दावर नेता खेलसाय सिंह को 1 लाख 57 हजार वोटों से हराया। 

देवश्री चौधरी: पश्चिम बंगाल से चुनकर आईं देवश्री चौधरी पहली बार सांसद बनीं।

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