सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने नई नीति और नई रीति का दिया परिचय: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विश्व पटल पर, जहां एक ओर भारत, हर देश के साथ मधुर संबंध का हिमायती है, वहीं हर पल हमें हर चुनौती से निपटने के लिए स्वयं को सशक्त भी करते रहना है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के विरूद्ध हुई सर्जिकल स्ट्राइक को देश की ‘नयी नीति, नयी रीति’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत हर देश के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन हर चुनौती से निपटने के लिए खुद को मजबूत भी करते रहना चाहता है। संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कोविंद ने कहा कि दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना, आने वाले महीनों में, नई पीढ़ी के अति आधुनिक लड़ाकू विमान-राफेल को शामिल करके, अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।
बदलते हुए भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 31, 2019
करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है।
पिछले वर्ष भारत उन चुनिंदा देशों की पंक्ति में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है — राष्ट्रपति कोविन्द
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उन्होंने कहा कि विश्व पटल पर, जहां एक ओर भारत, हर देश के साथ मधुर संबंध का हिमायती है, वहीं हर पल हमें हर चुनौती से निपटने के लिए स्वयं को सशक्त भी करते रहना है। बदलते हुए भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘पिछले वर्ष भारत उन चुनिंदा देशों की पंक्ति में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है। हमारी सेनाएं और उनका मनोबल, 21वीं सदी के भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है।’ उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को न सिर्फ पूरा किया बल्कि 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के एरियर का भुगतान भी किया है।
हमारी सेनाएं और उनका मनोबल, 21वीं सदी के भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है। मेरी सरकार ने चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को न सिर्फ पूरा किया बल्कि 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के एरियर का भुगतान भी किया है— राष्ट्रपति कोविन्द
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कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार का मानना है कि अपनी रक्षा जरूरतों को एक पल के लिए भी नज़रअंदाज़ करना, देश के वर्तमान और भविष्य, दोनों के ही हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष रक्षा क्षेत्र में हुए नए समझौतों, नए सैन्य उपकरणों की खरीद और मेक इन इंडिया के तहत देश में ही उनके निर्माण ने सेना का मनोबल बढ़ाया है और सैन्य-आत्मनिर्भरता की ओर देश का मार्ग प्रशस्त किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना, आने वाले महीनों में, नई पीढ़ी के अति आधुनिक लड़ाकू विमान-राफेल को शामिल करके, अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।
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उन्होंने कहा कि मैं देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में हमेशा मुस्तैद रहने वाले सुरक्षाबलों को भी बधाई देना चाहता हूं। आतंक और हिंसा में कमी लाने में उनके संगठित प्रयासों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। बीते वर्षों में माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों में जितने युवक विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आए हैं, वह एक रिकॉर्ड है। कोविंद ने कहा कि पिछले वर्ष पुलिस मेमोरियल का लोकार्पण करके देश के प्रति उनके बलिदान को सम्मानित किया गया है और उनकी स्मृति को भावी पीढ़ियों के लिए संजोया गया है।
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