अन्नाद्रमुक विधायक कैद में नहीं हैं, सरकार ने बताया

[email protected] । Feb 9 2017 4:21PM

मद्रास उच्च न्यायालय ने सत्ताधारी पार्टी के 130 विधायकों को कथित कैद में रखने को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर तुरंत सुनवाई करने से आज इनकार कर दिया।

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने सत्ताधारी पार्टी के 130 विधायकों को कथित कैद में रखने को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर तुरंत सुनवाई करने से आज इनकार कर दिया। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने कहा कि ये विधायक कहीं भी आने जाने के लिये स्वतंत्र हैं और वे विधायक निवास में ही हैं। न्यायमूर्ति एम जयचंद्रन और न्यायमूर्ति टी मातिवानन की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया क्योंकि सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक ने सूचित किया कि अन्नाद्रमुक विधायक मंडल की बैठक में शामिल हुये विधायक इस समय विधायक निवास में रह रहे हैं और वे आने जाने के लिये स्वतंत्र हैं।

ये याचिका सामाजिक कार्यकर्ता ट्रैफिक रामास्वामी और पीएमके नेता के बालू ने दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायकों को अवैध तरीके कैद में रखा गया है और विधायकों को स्वतंत्रता के लिए अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिकाओं पर दोपहर ढाई बजे तुरंत सुनावई का अनुरोध किया था। पीठ ने तुरंत सुनवाई की जरूरत के बारे में जानना चाहा जबकि स्पष्ट रूप से यह बताया गया है कि विधायक विधायक निवास में रह रहे हैं। अदालत ने कहा कि अगर सामान्य प्रक्रिया के तहत उनके समक्ष मामला लाया जाता है तो वे इस पर सुनवाई करेंगे।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि अगर अब भी याचिकाकर्ताओं को लगता है कि विधायकों को कैद में रखा गया है तो वे जनहित याचिका दायर कर सकते हैं। बालू ने कहा कि अरियालुर जिले के कुन्नम विधानसभा क्षेत्र से अन्नाद्रमुक विधायक आर टी रामचंद्रन कुछ दिन पहले पार्टी की एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद से लापता हैं। उन्होंने दावा किया कि विधायक से फोन तक पर संपर्क नहीं हो सका है। वहीं अतिरिक्त लोक अभियोजक ने विधायकों की अवैध हिरासत से इनकार किया।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़