गुजरात में हमले की साजिश नाकाम, दो IS संदिग्ध गिरफ्तार

[email protected] । Feb 27 2017 10:51AM

गुजरात एटीएस ने रविवार को आईएसआईएस से संदिग्ध तौर से जुड़े दो भाइयों को गिरफ्तार किया जो राज्य में ‘‘लोन वुल्फ’’ हमला करने की साजिश रच रहे थे।

राजकोट-अहमदाबाद। गुजरात एटीएस ने रविवार को आईएसआईएस से संदिग्ध तौर से जुड़े दो भाइयों को गिरफ्तार किया जो राज्य में ‘‘लोन वुल्फ’’ हमला करने की साजिश रच रहे थे। पुलिस ने कहा कि दो भाई वसीम और नईम रामोदिया कथित तौर पर आईएसआईएस हैंडलर के संपर्क में थे और चोटिला जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की साजिश कर रहे थे। वसीम के पास एमसीए और नईम के पास बीसीए की डिग्री है। पुलिस ने दोनों के पास से बम बनाने का सामान भी बरामद किया है। इनकी कथित गतिविधियों के बारे में मिली सूचना के बाद एटीएस अधिकारियों ने वसीम को राजकोट और उसके छोटे भाई नईम को भावनगर से अल सुबह की गई छापेमारी के बाद पकड़ा।

पुलिस ने कहा कि ये ‘‘आईएसआईएस की जेहादी विचारधारा से प्रेरित थे।’’ गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते के महानिरीक्षक जेके भट्ट के मुताबिक, राजकोट और भावनगर में इनके घरों पर छापेमारी के दौरान आईएसआईएस संदिग्धों के पास से विस्फोटक और जेहादी साहित्य बरामद किया गया। भट्ट ने अहमदाबाद में संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम पिछले तीन महीनों से उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे क्योंकि ये पाया गया कि वे स्काइप और टेलीग्राम, ट्विटर तथा वाट्सएप जैसे दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों के जरिये आईएसआईएस के संपर्क में हैं। हमने राजकोट और भावनगर में छापा मार कर दोनों को गिरफ्तार किया।’’

एटीएस के एसीपी बीएस चावडा ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ कि दोनों ने सुरेंद्रगढ़ जिले के चोटिला कस्बे में प्रसिद्ध मंदिर को निशाना बनाने की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि आतंक फैलाने के लिए दोनों ने हमले का वीडियो रिकॉर्ड करने और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने की भी साजिश रची थी। चावडा ने कहा कि इन दोनों ने विभिन्न जगहों पर बम धमाके करने और गाड़ियों में आग लगाने की भी साजिश की थी जिससे दहशत फैलाई जा सके। चावडा ने कहा कि कंप्यूटर एप्लीकेशन की डिग्रीधारक दोनों भाइयों को ऑनलाइन आईएसआईएस साहित्य के संपर्क में आने के बाद पिछले दो सालों से जेहादी विचारधारा के प्रति प्रेरित किया जा रहा था। अधिकारी ने कहा कि ये दोनों आईएसआईएस के विवादास्पद उपदेशक मुफ्ती अब्दुस सामी कासमी के भी संपर्क में थे जिसे एनआईए ने फरवरी 2016 में गिरफ्तार किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘वे पिछले तीन महीने से हमारी नजरों में थे। जब हमने उन्हें गिरफ्तार किया तब वे आईईडी बनाने की प्रक्रिया में थे जिससे लोन वुल्फ शैली के हमले को अंजाम दे सकें।’’ लोन वुल्फ श्रेणी का हमला ऐसा होता है जिसमें एक शख्स खुद ही हमले की साजिश और तैयारी कर उसे अंजाम देता है बिना किसी संगठन की मदद के। हालांकि वह किसी बाहरी संगठन की विचारधारा से प्रेरित हो सकता है और ऐसे संगठन के समर्थन में ऐसा काम कर सकता है।

संदिग्धों के पिता आरिफ रामोदिया का दावा है कि उन्हें अपने बेटों की गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके मुताबिक एमसीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वसीम राजकोट स्थित एक ग्राफिक डिजाइनिंग कंपनी में काम करता था जबकि नईम बीसीए के बाद भावनगर में जहाज की रिसाइक्लिंग इकाई में काम करता था। ‘‘मुझे इसके बारे में तब पता चला जब पुलिस ने मेरे घर पर छापा मारा और वसीम को गिरफ्तार किया। मुझे आईएसआईएस से उनके जुड़ाव के बारे में जरा भी जानकारी नहीं थी।’’

गिरफ्तारी से सदमे में दिख रहे आरिफ ने कहा, ‘‘परिवार में किसी को भी इस बारे में नहीं पता था। ये मेरे लिए वास्तव में शर्मनाक है। इससे मेरी इज्जत मिट्टी में मिल गई।’’ आरिफ रामोदिया सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और फिलहाल क्रिकेट अंपायर का काम करते हैं। मीडिया के साथ अपनी बातचीत में भट्ट ने कहा कि दोनों को वक्त रहते गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उन्होंने जल्द ही कुछ धार्मिक स्थलों पर बम धमाके की साजिश बना रखी थी। भट्ट ने कहा, ‘‘वे इराक और सीरिया स्थित आईएसआईएस के कुछ अज्ञात हैंडलर्स के संपर्क में थे। वे गुजरात में कुछ धार्मिक स्थलों पर हमले की साजिश को अंजाम दे पाते इससे पहले ही हमने उन्हें पकड़ लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमले के बाद उनकी इराक या सीरिया भागने की तैयारी थी।’’ छापे के दौरान पुलिस ने कंप्यूटर, मोबाइल फोन, जेहादी साहित्य और मास्क भी जब्त किये। आतंकी हमले के दौरान ये मास्क लगाकर अपनी पहचान छुपाने की तैयारी में थे।

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