जंगल में आग नहीं फूल होने चाहिए,' पुष्पा शैली में वन अधिकारियों ने लोगों को चेताया

Poster viral in chhindwara
सुयश भट्ट । Mar 14 2022 5:41PM

पोस्ट किए गए पोस्टर में फिल्म में अल्लू अर्जुन के चरित्र की एक तस्वीर है। बटकाखापा, ओझालढाना, चारगांव और बांका के जंगलों में पोस्टर लगाए गए हैं। वन अमले के अनुसार जंगल में महुआ के पेड़ बड़ी संख्या में हैं और होली के त्योहार के आसपास इसके फूल गिरने लगते हैं।

भोपाल। मशहूर मूवी अल्लू अर्जुन स्टारर पुष्पा फिल्म ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में वन अधिकारियों पर अपना प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने लोगों को वन क्षेत्र में आग लगाने से बचने की चेतावनी देते हुए मजाकिया पोस्टर लगाए हैं।

दरअसल पोस्टर में लिखा है जंगल में आग नहीं फूल होने चाहिए (जंगल में फूल होने चाहिए, आग नहीं)। याद रखें कि जंगल में आग लगाने पर 15,000 रुपये का जुर्माना और एक साल की कैद हो सकती है।

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इसके अलावा पोस्ट किए गए पोस्टर में फिल्म में अल्लू अर्जुन के चरित्र की एक तस्वीर है। बटकाखापा, ओझालढाना, चारगांव और बांका के जंगलों में पोस्टर लगाए गए हैं। वन अमले के अनुसार जंगल में महुआ के पेड़ बड़ी संख्या में हैं और होली के त्योहार के आसपास इसके फूल गिरने लगते हैं।

इस दौरान ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों ने सुबह-सुबह फूल लेने के लिए पेड़ के चारों ओर आग लगा दी। कभी-कभी आग की चिंगारी जंगल को ढक लेती है और पिछले कुछ वर्षों में आग की विभिन्न घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद वन अधिकारियों ने ग्रामीणों को जागरूक करने की पहल की है।

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पूर्वी बटकखापा वन के रेंजर अंशुल रावत ने कहा कि पुष्पा फिल्म के संवाद जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के संदेश से जुड़े हैं। जिले के कुल 11.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वन क्षेत्र का हिस्सा 29 प्रतिशत यानी 3.51 लाख हेक्टेयर है।

रावत ने कहा ये वन न केवल पर्यावरण के लिए जरूरी हैं बल्कि एक बड़ी आबादी के लिए आय का एक स्रोत भी हैं। वनोपज महुआ को जिले के स्थानीय लोगों द्वारा एकत्र किया जाता था और इसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता था। इसका समर्थन मूल्य 30 रुपये प्रति किलो है। लेकिन पिछले साल बाजार के समर्थन से भाव 90 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया।

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