सरकार के खिलाफ किसानों-युवाओं में असंतोष, येचुरी बोले- उपजी गुस्से की सुनामी
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने रोजगार के अवसर कम होने और फसल बीमा योजना का लाभ किसानों के बजाय निजी कंपनियों को मिलने संबंधी रिपोर्टों का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को लोगों के गुस्से की ‘सुनामी’ करार दिया।
नयी दिल्ली। माकपा ने कृषि संकट से किसानों और बेरोजगारी बढ़ने के कारण युवाओं में लगातार फैल रहे असंतोष के लिये केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने रोजगार के अवसर कम होने और फसल बीमा योजना का लाभ किसानों के बजाय निजी कंपनियों को मिलने संबंधी रिपोर्टों का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को लोगों के गुस्से की ‘सुनामी’ करार दिया। येचुरी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर कहा कि सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से की सूनामी लगातार बढ़ रही है, जिसकी वजह लोगों की जिंदगी और आजीविका, खासकर युवाओं के प्रति मोदी सरकार का उदासीन रवैया है।
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This tsunami of anger against the ruling dispensation is on its way - borne out of the Modi govt's callous and apathetic attitude towards peoples' lives and livelihoods, particularly the young. #JobLoss pic.twitter.com/WdfYO5rExD
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 17, 2019
फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिलने के बारे में येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के होते हुये किसान सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं निजी बीमा कंपनियां इस योजना से लाभ कमा रही हैं और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अपने करीबी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का मोदी का गुजरात मॉडल पूरी तरह से उजागर हो गया है। येचुरी ने कहा कि किसानों को मोदी सरकार ने जानबूझ कर नुकसान में पहुंचाया है और अब यह सरकार कितने भी जुमले और तमाशा कर ले, इस नुकसान की भरपायी मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह किसी सरकार का अब तक का सबसे उदासीन रवैया रहा है।
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