राजनीति से सेवानिवृत्त हुआ हूं, सार्वजनिक जीवन से नहीं: उपराष्ट्रपति
दशकों लंबे शानदार राजनीतिक कॅरियर से सेवानिवृत्त हुए एम. वेंकैया नायडू का मानना है कि लोगों से मिलने के लिए ‘‘कुछ वक्त और स्थान’’ होना चाहिए लेकिन भारत के उपराष्ट्रपति की नयी भूमिका में उन्हें कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है।
कोच्चि। दशकों लंबे शानदार राजनीतिक कॅरियर से सेवानिवृत्त हुए एम. वेंकैया नायडू का मानना है कि लोगों से मिलने के लिए ‘‘कुछ वक्त और स्थान’’ होना चाहिए लेकिन भारत के उपराष्ट्रपति की नयी भूमिका में उन्हें कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है। नायडू ने यहां 11वें इंडियन फिशरिज एंड एक्वाकल्चर फोरम में कहा, ‘‘लोगों से मिलने, उनका अभिवादन करने, बातचीत करने और उनके साथ घूमने के लिए कुछ वक्त और स्थान जगह होना चाहिए। तभी आप वास्तव में आनंद उठा पाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक नेता के रूप में मैं ऐसा करता था। अब मैं राजनीति से बाहर हूं। मैं राजनीति से सेवानिवृत्त हो चुका हूं लेकिन सार्वजनिक जीवन से नहीं।’’
बड़े समारोहों में लोगों से मिलने पर लगी रोक पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह देश के विभिन्न हिस्से से यहां आए प्रतिनिधियों से मिलने के बारे में सोच रहे थे। ठहाकों के बीच नायडू ने कहा, 'मेरे लोग कहते हैं कि महाशय, उपराष्ट्रपति को इस तरफ से आना है, वहां बैठना है, बैठक को संबोधित करना है और उस तरफ से जाना है।’’ उन्होंने कहा कि लोगों से मिलने की इच्छा हमेशा रहेगी। नायडू ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे जिस प्रोटोकॉल का पालन करने का सुझाव दिया जाता है उसका पालन करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि वह हमेशा केरल आते हैं क्योंकि ‘‘अच्छे लोगों का यह अच्छा राज्य है।’’
उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार केरल आए नायडू ने कहा कि दक्षिण के इस राज्य की सुंदरता का उन्होंने हमेशा आनंद उठाया है। नायडू ने कहा कि जब वह मंत्री थे तो ‘‘चुपचाप यहां अपने बच्चों और प्रपौत्रों के साथ छुट्टियां मनाने आते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कर सकता। अगर मैं ज्यादा समय तक ठहरूंगा तो समस्या हो जाएगी।’’नायडू ने 11 अगस्त को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
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