वन मंत्री उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के बीच विवाद के बाद वर्फ पिघलने की आहट

Warm melts after dispute between forest minister Umang Singhar and Digvijay Singh
[email protected] । Dec 26 2019 8:17PM

वन मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर माफिया को संरक्षण देने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद यह पूरा मामला कांग्रेस की केन्द्रीय जाँच समिति को सौंप दिया गया था।

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में आदिवासी नेता एवं वन मंत्री उमंग सिंघार के बधाई होर्डिंग और विज्ञापनों में दिग्विजय सिंह नज़र आने लगे है। जिसके चलते यह माना जा रहा है कि पिछले दिनों दिग्विजय सिंह को लेकर दिए गए तल्ख बयानों के बाद आपस में हुए मनमुटाव और मामला दिल्ली दरबार तक पहुँचने के बाद वर्फ पिघलती नज़र आ रही है। दरआसल पिछले दिनों वन मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर माफिया को संरक्षण देने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद यह पूरा मामला कांग्रेस की केन्द्रीय जाँच समिति को सौंप दिया गया था।

वही झारखंड़ में हुए विधानसभा चुनाव में मंत्री उमंग सिंघार को एआईसीसी ने प्रभारी सचिव नियुक्त किया था। उन्होनें झारखंड चुनाव में जी तोड़ मेहनत की जिसका परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए सुखद रहा। झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। जिसको लेकर मंत्री उमंग सिंघार के समर्थकों ने प्रदेश की राजधानी भोपाल में उनके अभिनंद के होर्डिंग लगवाए और समाचार पत्रों में विज्ञापन भी छपवाए है। जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाडरा, मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित दिग्विजय सिंह को भी इन होर्डिंग्स और विज्ञापनों में वरिष्ठ नेताओं की पंक्ति में जगह दी गई है।

भोपाल में लगे इन होर्डिंग्स और समाचार पत्रों में छपे विज्ञापनों में दिग्विजय सिंह की फोटो छपी होने से यह माना जा रहा है कि वन मंत्री और दिग्विजय सिंह के बीच आए मन मुटाव में कुछ कमी आई है। यही नहीं पिछले कुछ अर्से से मंत्री उमंग सिंघार सर्वजनिक रूप से दिग्विजय सिंह को लेकर बयान देने से बचते आ रहे है। इसका कारण कांग्रेस हाई कमान से मिले निर्देशों और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी न करने की हिदायत के बाद यह देखने को मिला है। वन मंत्री राहुल गांधी के करीबी लोगों में गिने जाते है।

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