Kolkata Metro के सबसे पुराने गलियारे में तीसरी रेल को बदलने का काम हुआ शुरू, 84 बिजली बचेगी

Kolkata Metro
प्रतिरूप फोटो
ANI

अपने सबसे पुराने गलियारे पर स्टील की तीसरी रेल (विद्युत संवहन माध्यम) को कोलकाता मेट्रो ने एल्युमीनियम से बनी रेल से बदलना शुरू कर दिया है, जिससे ऊर्जा खपत में 84 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित होगी। यह काम पूरा हो जाने के बाद कोलकाता मेट्रो सिंगापुर, लंदन, मॉस्को, बर्लिन, म्यूनिख और इस्तांबुल की श्रेणी में आ जायेगी

कोलकाता । कोलकाता मेट्रो ने अपने सबसे पुराने गलियारे पर स्टील की तीसरी रेल (विद्युत संवहन माध्यम) को एल्युमीनियम से बनी रेल से बदलना शुरू कर दिया है, जिससे ऊर्जा खपत में 84 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित होगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीसरी रेल प्रणाली संचालक (कंडक्टर) के माध्यम से ट्रेन को ऊर्जा प्रदान करती है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह काम पूरा हो जाने के बाद कोलकाता मेट्रो सिंगापुर, लंदन, मॉस्को, बर्लिन, म्यूनिख और इस्तांबुल की श्रेणी में आ जायेगी जहां तीसरे रेल को बदलने का काम पहले ही हो चुका है और सेवाएं सही ढंग से चल रही हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि इस बदलाव से प्रति किलोमीटर प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये की बचत होगी। उत्तर-दक्षिण लाइन पर टॉलीगंज में दमदम स्टेशन से महानायक उत्तम कुमार स्टेशन तक वर्तमान स्टील वाली तीसरी रेल के स्थान पर उच्च संचालकता वाली एल्युमीनियम तीसरी रेल लगायी जाएगी जिसमें ऊपर ‘स्टेनलेस स्टील’ होगी। अधिकारी ने कहा कि जर्मनी की एक कंपनी को ठेका दिया गया है और दो सालों में यह काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि एल्युमिनियम तीसरी रेल से कार्बन उत्सर्जन में 50000 टन की कमी आयेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़