भाइयों को देखकर हॉकी खेलने वाले Gurjant Singh ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने को बेताब
सबसे तेज गोल करने का रिकॉर्ड बनाने वाले गुरजंत सिंह टीम के साथ पेरिस गए हैं। पंजाब के इस खिलाड़ी के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने अपने कजन भाइयों को देखकर हॉकी खेलना सीखा और फिर जूनियर टीम में जगह बना विश्व विजेता बन सीनियर टीम में पहुंचे।
भारत के लिए सबसे तेज गोल करने का रिकॉर्ड बनाने वाले गुरजंत सिंह टीम के साथ पेरिस गए हैं। पंजाब के इस खिलाड़ी के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने अपने कजन भाइयों को देखकर हॉकी खेलना सीखा और फिर जूनियर टीम में जगह बना विश्व विजेता बन सीनियर टीम में पहुंचे। सीनियर टीम के साथ उन्होंने कई सफलताएं हासिल की और देश के लिए सबसे तेज गोल भी किया, लेकिन वह दो बड़े टूर्नामेंट्स-एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टीम में जगह नहीं बना पाए थे जो उनके लिए बड़े दुख की बात थी, लेकिन अब वह खेलों के महाकुंभ में खेलने को लेकर बेसब्र हैं।
गुरजंत सिंह का जन्म 26 जनवरी 1995 को अमृतसर पंजाब में हुआ था। भारत की 2016 जूनियर विश्व कप विजेता टीम के सदस्य गुरजंत ने 2017 में बेल्जियम के खिलाफ सीनियर टीम के लिए पदार्पण किया था। उसके एक साल बाद वह ढाका में हीरो एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। लेकिन वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ एशियाई खेलों की टीम में जगह नहीं बना पाई। उसी साल चोट के कारण उन्हें एफआईएच पुरुष विश्व कप टीम से भी बाहर कर दिया गया था। उन्होंने हालांकि फिर टीम में वापसी की और एफआईएच हॉकी प्रो लीग में नीदरलैंड्स के खिलाफ भारत की तरफ से सबसे तेज गोल किया। उन्होंने इस मैच में महज 13 सेकेंड में गोल किया था।
गुरजंत ने 2016 में एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप में भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल में गोल दागे थे। वह इसे अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। बड़े मैचों में गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर पहचान बनाने वाले गुरजंत ने कहा, ‘‘ मैं 18 दिसंबर 2016 को कभी नहीं भुलूंगा। उस दिन हमने जूनियर विश्व कप जीता था और अब तक यह मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस शानदार जीत के बाद लोगों ने मुझे परखना करना शुरू कर दिया था।’’ खेल के महत्वपूर्ण चरण में गोल करने की गुरजंत की क्षमता उन्हें अन्य साथी खिलाड़ियों से अलग करती है। वह टोक्यो 2020 में 41 साल की अवधि के बाद ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली राष्ट्रीय टीम का हिस्सा थे। वह हॉकी इंडिया लीग का भी हिस्सा थे जहां उन्होंने दबंग मुंबई फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व किया था और इसके अलावा वह ओएनजीसी के साथ भी खेल चुके हैं। गुरजंत सिंह को हॉकी में उनके योगदान के लिए वर्ष 2021 में अर्जुन पुरस्कार मिला।
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