भारत की सबसे तेज महिला हर्डलर Jyoti Yaraji पेरिस में पदक के लिए दौड़ लगाने को तैयार

Jyoti Yaraji
प्रतिरूप फोटो
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Anoop Prajapati । Jul 9 2024 7:49PM

हर्डलर ज्योति याराजी ने 100 मीटर दौड़ में पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। कुछ साल पहले सिर्फ भारतीय एथलेटिक्स खेल प्रेमी ही ज्योति याराजी के बारे में जानते थे, लेकिन थोड़े ही समय में ज्योति भारत की सबसे प्रतिभाशाली एथलीट के रूप में उभरकर कर सामने आईं हैं।

देश की सबसे तेज हर्डलर ज्योति याराजी ने 100 मीटर दौड़ में पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। कुछ साल पहले सिर्फ भारतीय एथलेटिक्स खेल प्रेमी ही ज्योति याराजी के बारे में जानते थे, लेकिन थोड़े ही समय में ज्योति भारत की सबसे प्रतिभाशाली एथलीट के रूप में उभरकर कर सामने आईं हैं। कम उम्र में ही ज्योति याराजी 100 मीटर हर्डल रेस का हिस्सा बनी हैं। ज्योति की किस्मत पहले से ही तय थी और वह कुछ बड़ा करने के लिए ही बनी थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई प्रतिष्प्रर्दा में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत कर अपने नाम एक बड़ी सफलता हासिल की है। राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़कर देश का मान बढ़ाने वाली ज्योति याराजी का बचपन अभावों में गुजरा। आर्थिक तंगी भी उनके बुलंद हौंसलों को कमजोर नहीं कर पाई।

ज्योति याराजी का जन्म 28 अगस्त, 1999 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम (विजाग) में हुआ था। वह भी कई पूर्व और वर्तमान भारतीय एथलीटों की तरह ही सीमित संसाधनों के साथ पली-बढ़ी हैं। उनके पिता सूर्यनारायण एक प्राइवेट सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं। जबकि उनकी माता कुमारी एक घरेलू सहायिका हैं। वह शहर के एक अस्पताल में क्लीनर के रूप में पार्ट टाइम काम करती हैं। इनकी प्रति माह आय 18,000 रुपये (220 अमेरिकी डॉलर) से भी कम है। एथलेटिक्स को चुनने के पीछे उनके माता-पिता सबसे बड़ा कारण थे। माता-पिता की देखभाल करना ही उनके लिए प्रेरणा थी। वह विराज के पोर्ट हाई स्कूल कृष्णा में पढ़ती थीं, जब उनके फिजिकल एजुकेशन टीचर ने ज्योति के टैलेंट को पहचाना और महसूस किया कि वह एक हर्डलर बन सकती हैं। 

उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई, माता पिता ने भी ज्योति का साथ दिया। हालांकि ज्योति ने पढ़ाई भी जारी रखी और आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय से बीए इतिहास की पढ़ाई की। ज्योति याराजी ने वर्ष 2015 में आंध्र प्रदेश इंटर डिस्ट्रिक्ट मीट में स्वर्ण पदक जीता, जिससे वह सुर्खियों में आ गईं। ज्योति ने हैदराबाद में रहकर ओलंपियन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच एन रमेश और भुवनेश्वर में ब्रिटिश कोच जेम्स हिलियर से ट्रेनिंग ली। 2020 में ज्योति याराजी ने कर्नाटक के मूडबिद्री में आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में स्वर्ण पदक जीता। 

इसी वर्ष खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में एक और स्वर्ण हासिल किया। पहले कोविड 19 महामारी और फिर पीठ की चोट के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। बाद में 2022 में उन्होंने भुवनेश्वर में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी मीट में 13.7 सेकेंड समय में रेस को पूरा किया। ज्योति याराजी ने 10 मई, 2022 को लिमासोल में साइप्रस इंटरनेशनल एथलेटिक्स मीट में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और 13.23 सेकेंड के समय के साथ महिलाओं की 100 मीटर हर्डल रेस का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। साथ ही उन्होंने 2002 में अनुराधा बिस्वाल द्वारा बनाए गए 13.38 के पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।

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