टोक्यो में पदक से चूके Praveen Jadhav से देश को पेरिस ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद

Praveen Jadhav
प्रतिरूप फोटो
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Anoop Prajapati । Jul 9 2024 6:26PM

प्रवीण जाधव ने पेरिस में होने वाले ओलंपिक गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी प्रवीण जाधव कमाल का प्रदर्शन देखने को मिला। शानदार प्रदर्शन के बाद भी वे ओलंपिक में मेडल लेने से चूक गए थे। मजदूरों के परिवार में जन्मे, जो एक नाले के पास एक झोंपड़ी में रहते थे।

तीरंदाजी में अपने दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारत का डंका बजाने वाले प्रवीण जाधव ने पेरिस में होने वाले ओलंपिक गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी प्रवीण जाधव कमाल का प्रदर्शन देखने को मिला। शानदार प्रदर्शन के बाद भी वे ओलंपिक में मेडल लेने से चूक गए थे। मजदूरों के परिवार में जन्मे, जो एक नाले के पास एक झोंपड़ी में रहते थे, जाधव किशोरावस्था में अपने पिता के साथ खेतों में मदद करने के लिए जाते थे। उन्हें बचपन से ही खेलों में रुचि थी और अंततः उन्हें तीरंदाजी से प्यार हो गया तथा उन्होंने वित्तीय संकटों से बाहर निकलने के लिए इस खेल का सहारा लिया। आज जाधव ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयारी कर रहे हैं।

प्रवीण जाधव भारत के महाराष्ट्र राज्य के रहने वाले है। उनका जन्म 6 जुलाई 1996 को सतारा जिले के सारदे गांव में दिहाड़ी मजदूरों के परिवार में हुआ था। उनका जीवन नाले के किनारे बसे झुग्गी में बीता है। जाधव को बचपन से ही खेल में काफी रूचि था। उन्होंने बचपन में गांव में ही लकड़ी के बने तीर-कमान से तीरंदाजी का अभ्यास करना शुरू किया था। इस दौरान उनका सामना विकास भुजबल नाम के प्राइमरी स्कूल टीचर से हुआ, जिन्होंने जाधव की प्रतिभा को परखा और उन्हें महाराष्ट्र राज्य सरकार की क्रीडा प्रबोधनी योजना के तहत मदद दिलाई। जाधव की सेहत अच्छी नहीं थी, वे बचपन में कुपोषित के शिकार हो गए थे। 10 साल तक उनका वजन मात्र 22 किलो था। 

हालांकि उनके टीचर ने उन पर काफी ध्यान दिया, जिसके बाद वे हेल्दी हुए और जिला स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर के दिखाया। जाधव ने 19 साल की उम्र में पहली बार एशिया कप स्टेज 1 में भारत को रिप्रेजेंट किया था और मेंस रिकर्व टीम में कांस्य पदक हासिल किया। वहीं 2017 में वे इंडियन आर्मी ज्वाइन कर लिया। इसके बाद उन्होंने साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया जिसमें उन्हें सिल्वर मेडल मिला। उन्होंने कहा, "जब हम प्लेटफॉर्म पर खड़े होते हैं और लक्ष्य साधते हैं, तो एक मजबूत मानसिकता होना महत्वपूर्ण है। हर तीरंदाज प्लेटफॉर्म से शूटिंग करता है, लेकिन केवल वही अच्छा स्कोर कर पाते हैं, जिनका मानसिक स्थिति स्पष्ट होती है। लेकिन, अगर कोई शुरुआत में गलती करता है, तो उनका पूरा राउंड गलत हो सकता है।"

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