Sarojini Naidu Death Anniversary: भारत की पहली महिला राज्यपाल थीं सरोजिनी नायडू, कहा जाता था नाइटिंगेल ऑफ इंडिया

आज ही के दिन यानी की 02 मार्च को सरोजिनी नायडू का निधन हो गया था। सरोजिनी नायडू को ओजस्वी वाणी और मधुर कविताओं की वजह से 'भारत कोकिला' कहा जाता था। उनका जीवन संघर्ष, साहस और प्रेरणा से भरा था।
सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख नेता, कवियत्री और देश की पहली महिला राज्यपाल थीं। आज ही के दिन यानी की 02 मार्च को सरोजिनी नायडू का निधन हो गया था। सरोजिनी नायडू को ओजस्वी वाणी और मधुर कविताओं की वजह से 'भारत कोकिला' कहा जाता था। वह एक राजनीतिक नेता ही नहीं बल्कि महिला सशक्तिकरण की भी प्रतीक थीं। सरोजिनी नायडू का जीवन संघर्ष, साहस और प्रेरणा से भरा था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर सरोजिनी नायडू के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
हैदराबाद में 13 फरवरी 1879 को सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय था, जोकि वैज्ञानिक और शिक्षाविद थे। वहीं मां का नाम बरदा सुंदरी था, जोकि एक कवियत्री थीं। सरोजिनी नायडू की शुरूआती शिक्षा पहले मद्रास और फिर किंग्स कॉलेज में हुई। इसके बाद आगे की पढ़ाई लंदन और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पूरी हुई।
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स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुई थीं। साल 1915 से 1918 तक उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की और भारत की महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा। फिर साल 1919 में उन्होंने रॉलेट एक्ट के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया। वहीं साल 1925 में वह राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं और साल 1930 में उनको नमक सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद साल 1942 में सरोजिनी नायडू ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया और इस दौरान उनको फिर से जेल यात्रा करनी पड़ी।
भारत की पहली महिला राज्यपाल
देश की आजादी यानी की 15 अगस्त 1947 को सरोजिनी नायडू को उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनाया गया था।
मृत्यु
यूपी के राज्यपाल पद पर रहते हुए 02 मार्च 1949 को सरोजिनी नायडू का निधन हो गया था।
उपलब्धियां
बता दें कि सरोजिनी नायडू भारत की पहली महिला राज्यपाल थीं और वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष नियुक्त हुईं।
इसके अलावा उनको कवि के रूप में 'भारत कोकिला' का खिताब मिला था।
सरोजिनी नायडू ने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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