धनतेरस पर क्या खरीदने से आएगी खुशहाली? कब है पूजा मुहूर्त?

When is the puja muhurat of Dhanteras
शुभा दुबे । Oct 16 2017 1:17PM

दिवाली से पहले कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाये जाने वाले ''धनतेरस'' को ''धनवंतरि त्रयोदशी'' भी कहा जाता है और इस दिन सोने चांदी की कोई चीज या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है।

मां लक्ष्मी के पूजन के पर्व दीपावली से दो दिन पहले पड़ने वाला धनतेरस का त्योहार देव वैद्य धनवंतरि और लक्ष्मी जी के खजांची माने जाने वाले कुबेर को याद करने का दिन है। दिवाली से पहले कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाये जाने वाले 'धनतेरस' को 'धनवंतरि त्रयोदशी' भी कहा जाता है और इस दिन सोने चांदी की कोई चीज या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी के साथ धनवंतरि और कुबेर की भी पूजा की जानी चाहिए क्योंकि कुबेर जहां धन का जोड़−घटाव रखने वाले हैं वहीं धनवंतरि ब्रह्मांड के सबसे बड़े वैद्य हैं। 

धनतेरस पूजा मुहूर्त- 19:19 से 20:17 बजे तक

कुल अवधि- 58 मिनट

प्रदोष काल- 17:45 से 20:17 बजे तक

वृषभ काल- 19:19 से 21:14 बजे तक

धनतेरस के दिन पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती हैं। वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ ही चल रही होती है।

धनवंतरि जी का परिचय

धनतेरस पर कुबेर के बिना लक्ष्मी जी की पूजा अधूरी रहती है। धनवंतरी हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक देवताओं के वैद्य हैं। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इनकी चार भुजायें हैं। ऊपर की दोनों भुजाएं शंख और चक्र धारण किये हुये हैं। जबकि दो अन्य भुजाओं में से एक में जलूका और औषधि तथा दूसरे में अमृत कलश है। इनकी प्रिय धातु पीतल है। आयुर्वेद की चिकित्सा करने वाले वैद्य इन्हें आरोग्य का देवता कहते हैं।

धनतेरस के दिन क्या करें

धनतेरस के दिन सिर्फ नयी वस्तुओं की खरीदारी ही नहीं की जाती बल्कि दीप भी जलाए जाते हैं। इसके पीछे कई तरह की किवदंतियां हैं। इस दिन प्रवेश द्वार पर जलाए जाने वाले दीपकों के बारे में मान्यता है कि इनकी वजह से घर में अकाल मौत का भय खत्म हो जाता है और परिवार की लौ हमेशा जलती रहती है। धनतेरस पर नए बर्तन खरीदने की परम्परा के बारे में कहा जाता है कि धनवंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। इसी के बाद से ही उनके जन्मदिन पर नए बर्तन खरीदने का चलन शुरू हुआ। यह भी माना जाता है कि इस दिन वस्तु खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा करने के लिए लोग उनकी मूर्तियां भी धनतेरस के दिन ही खरीदते हैं।

धनतेरस के दिन किन चीजों की खरीदारी करें

-लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति खरीदें और दीपावली के दिन इसी का पूजन करें।

-अकसर लोग दीपावली के समय नयी गाड़ी खरीदते हैं। धनतेरस के दिन भी गाड़ियां बड़ी संख्या में खरीदी जाती हैं। यदि आप भी धनतेरस के दिन नयी गाड़ी लेना चाह रहे हैं तो ऐसा कर सकते हैं लेकिन उसके लिए भुगतान पहले ही कर दें। धनतेरस के दिन वाहन के लिए भुगतान करने से बचें। वाहन को राहू काल में घर में नहीं लाना चाहिए।

-स्वर्ण व चांदी की वस्तुएं खरीदना शुभ है।

-इस दिन यदि कपड़े खरीद रहे हैं तो सफेद या लाल रंग के कपड़ों को प्राथमिकता दें।

-संपत्ति खरीदना इस दिन बेहद शुभ माना जाता है।

-दक्षिणवर्ती शंख, कमलगट्टे की माला, धार्मिक साहित्य या रुद्राक्ष की माला इस दिन खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन प्राणप्रतिष्ठित रसराज पारद श्री यंत्रम घर में लाना भी लाभकारी होता है।

-चूंकि यह भगवान धनवंतरि का दिन है इसलिए इस दिन औषधि भी खरीदी जा सकती है।

-स्टील और पीतल के बर्तन लिये जा सकते हैं।

-धनतेरस के मौके पर झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है।

-धनतेरस के दिन नमक लाने से घर में धन और सुख शांति आती है।

- शुभा दुबे

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