अभी ओलंपिक नहीं, विश्व में शीर्ष तीन में जगह बनाना लक्ष्य: प्रणय
प्रणय ने पीटीआई से कहा, ‘‘अभी संभवत: मैं अच्छी स्थिति में हूं। मई के बाद मेरे लिए कुछ टूर्नामेंट अच्छे रहे लेकिन मैं कहूंगा कि मैं कभी संतुष्ट नहीं हूं। मैं हमेशा कोर्ट पर उतरकर बड़े टूर्नामेंट जीतना चाहता हूं, यह हमेशा से मेरा इरादा रहा है।’’
भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय भले ही ओलंपिक में जगह बनाने की दौड़ में आगे चल रहे हों लेकिन वह अभी पेरिस के बारे में नहीं सोचना चाहते। दरअसल, वो मौजूदा समय में उनका ध्यान विश्व में शीर्ष तीन खिलाड़ियों में जगह बनाने जैसे लक्ष्य पर है। पिछले 12 महीने में भारतीय खिलाड़ियों के बीच सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाले प्रणय की विश्व रैंकिंग अभी नौ है।
प्रणय ने मई में मलेशिया मास्टर्स का खिताब जीता जबकि पिछले हफ्ते सिडनी में ऑस्ट्रेलिया ओपन में भी खिताब जीतने के करीब पहुंचे लेकिन आखिर में उन्हें उप विजेता बनकर संतोष करना पड़ा। इस दौरान प्रणय ने पीटीआई से कहा, ‘‘अभी संभवत: मैं अच्छी स्थिति में हूं। मई के बाद मेरे लिए कुछ टूर्नामेंट अच्छे रहे लेकिन मैं कहूंगा कि मैं कभी संतुष्ट नहीं हूं। मैं हमेशा कोर्ट पर उतरकर बड़े टूर्नामेंट जीतना चाहता हूं, यह हमेशा से मेरा इरादा रहा है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में मैं लगातार क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में खेलने के सफल रहा हूं और अब मैं प्रयास कर रहा हूं कि मैं एक और दौर आगे जाऊं और फाइनल में जगह बनाऊं। और टूर्नामेंट में जीत दर्ज करूं।’’ मौजूदा सत्र में दो फाइनल के अलावा तीन क्वार्टर फाइनल और एक सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले 31 साल के प्रणय 2017 में विश्व में आठवीं रैंकिंग हासिल की थी। लेकिन इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से उनकी रैंकिंग 2021 में 33 हो गई।
तिरूवनंतपुरम के प्रणय ने पिछले साल दिसंबर में शीर्ष 10 में वापसी की और फिर इस साल मई में करियर की सर्वश्रेष्ठ सातवीं रैंकिंग हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में शीर्ष पांच में आना या दुनिया में शीर्ष तीन में आना चुनौती होगी। मैं अब तक यह कभी नहीं कर पाया। मुझे लगता है कि अभी तक यही लक्ष्य है। मैं काफी आगे के बारे में नहीं सोच रहा, फिलहाल अभी ओलंपिक पर ही फोकस कर रहा हूं।’’
प्रणय ने कहा, ‘‘अब लक्ष्य बहुत छोटे हैं, हम अगले सप्ताह कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं या कहें कि विश्व चैंपियनशिप या चीन ओपन, यही एकमात्र लक्ष्य है और बाकी चीजें अपने आप हो जाएंगी।’’ प्रणय अब डेनमार्क में विश्व चैंपियनशिप में 21-27 अगस्त तक हिस्सा लेंगे जबकि इसके बाद चीन ओपन सुपर 1000 (पांच से 10 सितंबर) और हांगझोउ में एशियाई खेल होंगे। प्रणय पिछली दो विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे लेकिन इस बार वह अपने ऊपर कोई दबाव नहीं डालना चाहते, विशेषकर लगातार तीन टूर्नामेंट में खेलने के बाद। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी विश्व चैंपियनशिप के बारे में नहीं सोच रहा, मुझे पता है कि इसमें सिर्फ दो हफ्ते का समय बचा है। ईमानदारी से कहूं तो हमने कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीन टूर्नामेंट खेले।’’
थॉमस कप में भारत की एतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रणय कोरिया में प्री क्वार्टर फाइनल, जापान में क्वार्टर फाइनल और ऑस्ट्रेलिया में फाइनल में पहुंचे। प्रणय ने कहा, ‘‘विश्व चैंपियनशिप को देखते हुए हमारे पास मुश्किल से 10 दिन हैं। व्यस्त कार्यक्रम के बीच इतने कम समय में शत प्रतिशत हासिल करना कठिन है, लेकिन हां, मैं अपने शरीर को विश्व चैंपियनशिप के लिए तैयार करने की कोशिश करूंगा। लेकिन मैं खुद पर दबाव नहीं डाल रहा कि मुझे विश्व चैंपियनशिप में बहुत अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए क्योंकि हमें यह समझना होगा कि हमें पहले शरीर का ख्याल रखना होगा क्योंकि हमारे सामने एक लंबा सत्र है।’’
बारह महीने की ओलंपिक योग्यता अवधि एक मई 2023 को शुरू हुई। योग्यता अवधि 28 अप्रैल 2024 तक चलेगी जिसमें दुनिया भर के खिलाड़ी सप्ताह-दर-सप्ताह प्रतिस्पर्धा करेंगे। रैंकिंग अंकों के लिए चुनौती पेश करेंगे क्योंकि रेस टू पेरिस रैंकिंग सूची (30 अप्रैल 2024 की) के आधार पर शुरुआती क्वालीफायर का फैसला होगा।
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