धोनी के संन्यास की अटकलों से दुखी हैं उनके बचपन के कोच केशव रंजन बनर्जी

रांची के जवाहर विद्या मंदिर में फुटबाल खेलने वाले महेंद्र सिंह धोनी को पहली बार क्रिकेट का बल्ला थमाने वाले कोच केशव रंजन बनर्जी अपने इस बिरले शिष्य के खेल से संन्यास को लेकर लग रही अटकलों से दुखी है। विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों भारतीय टीम की हार के बाद से लगातार कयास लगाये जा रहे हैं कि धोनी ने शायद भारत के लिये आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल लिया है।
नयी दिल्ली। रांची के जवाहर विद्या मंदिर में फुटबाल खेलने वाले महेंद्र सिंह धोनी को पहली बार क्रिकेट का बल्ला थमाने वाले कोच केशव रंजन बनर्जी अपने इस बिरले शिष्य के खेल से संन्यास को लेकर लग रही अटकलों से दुखी है। विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों भारतीय टीम की हार के बाद से लगातार कयास लगाये जा रहे हैं कि धोनी ने शायद भारत के लिये आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल लिया है। इन कयासों के बीच धोनी के भविष्य को लेकर बनर्जी से भाषा के पांच सवाल और उनके जवाब :-
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सवाल : क्या आपको लगता है कि धोनी ने अपना आखिरी मैच खेल लिया है या अभी उनमें क्रिकेट बाकी है ?
जवाब : अगर आप मेरी राय पूछें तो वह जबर्दस्त फिट है और खेल सकता है । अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन वह अगला विश्व कप तो नहीं खेलेगा । मुझे लगता है कि अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप की टीम में उसे रहना चाहिये । वैसे बीसीसीआई को फैसला लेना है, मेरे चाहने से क्या होगा ।
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सवाल : आप धोनी को भविष्य में किस भूमिका में देखते हैं ?
जवाब : धोनी के पास अपार अनुभव और क्रिकेट की जबर्दस्त समझ है । वह खेल से संन्यास लेने के बाद भी खेल को बहुत कुछ दे सकता है । बीसीसीआई को देखना है कि वह उसकी सेवायें कैसे लेता है । मुझे लगता है कि वह सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) है और वह उसे समय देगा । वैसे भी फिटनेस को लेकर वह काफी जागरूक है और सेना का फिटनेस कार्यक्रम उसके लिये बहुत अच्छा है ।
सवाल : क्या धोनी ने आपको संन्यास के बारे में कुछ बताया है ? इस तरह की बातें हो रहीं है कि धोनी को युवा विकेटकीपर के लिए जगह खुद छोड़ देनी चाहिए, इस बारे में आप क्या सोचते है।
जवाब: मेरी विश्व कप से दो महीने पहले उससे बात हुई थी। मैं उसको बचपन से जानता हूं और उसके मन में क्या चल रहा है, कोई पता नहीं कर सकता। अगर मेरी राय पूछें तो बीसीसीआई को धोनी को ठीक से ‘मैनेज’ करना चाहिए क्योंकि टीम को अभी उसकी जरूरत है और ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ियों को वही बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है।
सवाल : भारतीय क्रिकेट को धोनी का सबसे बड़ा योगदान क्या रहा ?
जवाब : वह टेस्ट रैंकिंग, टी20 और वनडे में भारत को नंबर वन रैंकिंग तक लाया । दो विश्व कप (टी20 2007 और वनडे 2011) जिताया । वह सभी प्रारूप का चैम्पियन है और इससे ज्यादा क्या कोई योगदान देगा । उसने टीम को जीतने का आत्मविश्वास दिया और छोटे शहरों के लड़कों को ऊंचे सपने देखने की कूवत दी । उसका नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा ।
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सवाल : क्या आपको अपनी गुरूदक्षिणा मिल गई ?
जवाब : मुझे भौतिक उपहारों में कभी रूचि नहीं रही । आप बच्चे को पाल पोसकर बड़ा करते हैं तो क्या उससे इसकी एवज में पैसा लेते हैं । हमने कभी ऐसा नहीं सोचा कि वह बड़ा खिलाड़ी बन जायेगा तो कुछ मांगेंगे । लेकिन उसने जो नाम और शोहरत कमाई है, वही मेरी गुरूदक्षिणा है । यह सोचकर तसल्ली मिलती है कि देश को ऐसा होनहार क्रिकेटर देने में हमारी भी कुछ भूमिका रही । जब भी धोनी का जिक्र होगा तो कहीं न कहीं हमारा नाम भी उसके साथ जुड़ा होगा ।
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