सुशील से प्रेरणा लेकर लगातार दो बार ओलम्पिक पदक जीतना चाहती हूं: साक्षी

I want to win two olympic medals like sushil kumar says sakshi malik

रियो ओलम्पिक 2016 में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मालिक ने कहा कि देश के सितारा पहलवान सुशील कुमार हमेशा से उनकी प्रेरणा रहे हैं और वह उनकी तरह ओलम्पिक खेलों में लगातार दो बार पदक जीतकर रिकॉर्ड कायम करना चाहती हैं।

इंदौर। रियो ओलम्पिक 2016 में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मालिक ने कहा कि देश के सितारा पहलवान सुशील कुमार हमेशा से उनकी प्रेरणा रहे हैं और वह उनकी तरह ओलम्पिक खेलों में लगातार दो बार पदक जीतकर रिकॉर्ड कायम करना चाहती हैं। राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप में हिस्सेदारी के दौरान साक्षी ने कहा, "सुशील मेरे लिये बड़े प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। एक जमाने में उन्हें खेलता देख मैं सोचती थी कि किसी दिन मैं भी ओलंपिक ख्रेलूंगी और देश के लिये पदक जीतूंगी।"

25 वर्षीय फ्रीस्टाइल पहलवान ने कहा, "हालांकि, अब मैं भी ओलंपिक पदक विजेता हूं। लेकिन मुझे उन जैसा बनना है और ओलम्पिक खेलों में लगातार दो बार पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम करना है।" वर्ष 2008 के बीजिंग और वर्ष 2012 के लंदन ओलम्पिक खेलों में क्रमशः कांस्य और रजत पदक जीतने वाले सुशील ने तीन साल के लम्बे अंतराल के बाद यहां राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप के जरिये मैट पर वापसी की है। इस स्पर्धा में कुश्ती प्रेमियों की निगाहें सुशील और साक्षी पर ही सबसे ज्यादा टिकीं रहीं। साक्षी ने कहा, "मेरी राय में सभी वरिष्ठ खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिये। इन प्रतियोगिताओं के जरिये हम खेल के नजदीक बने रहते हैं और हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी स्पर्धाओं में हमें इस अनुभव का फायदा मिलता है।" ओलम्पिक पदक विजेता ने कहा, "मैं हर छोटी से छोटी प्रतियोगिता में भाग लेती हूं, क्योंकि मैं कुश्ती से दूर नहीं होना चाहती।" वर्ष 2020 में तोक्यो में होने वाले अगले ओलम्पिक खेलों की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "समय कितनी जल्दी गुजरता है, पता ही नहीं चलता। मुझे रियो ओलंपिक खेले साल भर से ज्यादा वक्त हो गया है। अगले ओलंपिक की उल्टी ​गिनती भी शुरू हो गयी है। इसे लेकर थोड़ा दबाव भी है। लेकिन मैं अपने मन में हर रोज यही संकल्प दोहराती हूं कि मुझे अगले ओलंपिक के लिये अच्छी से अच्छी तैयारी करनी है, ताकि मैं अपने पदक का रंग बदल सकूं।" साक्षी ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं की तैयारी के मद्देनजर देश के पहलवानों के लिये उपलब्ध सुविधाओं पर संतोष जाहिर किया।

उन्होंने कहा, "भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रयासों से देश में पहलवानों के लिये सुविधाएं पहले से बेहतर हुई हैं।" साक्षी ने हालांकि एक सवाल पर जोर देकर कहा कि सुविधाओं के मामले में देश में हर खेल और खिलाड़ियों को एक-सा महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिये कि कुश्ती को कम और क्रिकेट को ज्यादा महत्व मिले या बैडमिंटन को कम और टेबल टेनिस को ज्यादा तवज्जो दी जाये। सभी खेलों और खिलाड़ियों को बराबर महत्व दिया जाना चाहिये।"

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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