ऐसा देश जहां रंगों से नहीं, रेड वाइन से खेली जाती है होली

how-to-celebrate-wine-festival-in-spain
सुषमा तिवारी । Mar 18 2019 5:01PM

भारत की होली के जैसे स्पेन के हारो फेस्टिवल में लोग रंगों का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि शराब से होली खेलते है इस शराब से वाइन का प्रयोग ज्यादा किया जाता हैं। यानी की आप कह सकते है कि इस त्योहार में वाइन पीकर और वाइन से नहा कर एंजोय किया जाता है।

होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे पूरे देश में बड़ी उत्सुकता के साथ मनाया जाता है। होली को रंगों का त्योहार माना जाता है। लोग एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली खेलते हैं। लेकिन जैसे- जैसे वक्त बदल रहा है वैसे- वैसे होली खेलने के तरीके भी। आज बाजार में होली खेलने के लिए पक्का रंग, स्प्रे, अंडे आदि है। लेकिन एक देश ऐसा है जहां रंगों से नहीं बल्कि वाइन से होली खेली जाती है। जी हां ये सच है, स्पेन में लोग शराब से होली खेलते हैं।

इसे भी पढ़ें: जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है रंगों का त्योहार ''होली''

जून में खेली जाती है वाइन से होली

जहां भारत में मार्च के महीने में रंगों का त्योहार मनाया जा है वही स्पेन में इस त्योहार में जून में सेलेब्रेट किया जाता हैं। उत्तरी स्पेन के ला रियोजा रीजन में स्थित हारो शहर में हर साल 27 जून से 30 जून के बीच हारो वाइन फेस्टिवल मनाया जाता है। स्पेन में इन फेस्टिवल की शुरूआत 1965 में हुई थी। इस दिन लोग व्हाइट टॉप और रेड हैंकी लेकर सुबह एक साथ इकठ्ठा होते है। फिर इस फेस्टिवल को सेलेब्रेट करते हैँ।

शराब से खेली जाती है होली

भारत की होली के जैसे स्पेन के हारो फेस्टिवल में लोग रंगों का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि शराब से होली खेलते है इस शराब से वाइन का प्रयोग ज्यादा किया जाता हैं। यानी की आप कह सकते है कि इस त्योहार में वाइन पीकर और वाइन से नहा कर एंजोय किया जाता है। यहा की लोकल वाइन का नाम रियोज है इस वाइन को लोग रंगों की तरह ही एक दूसरे पर डालते हैं।

इसे भी पढ़ें: अलग-अलग राज्यों में इस तरह मनाया जाता है होली का त्योहार

मस्ती के लिए बहा दी जाती है 75,000 लीटर वाइन

कहते है जब महौल जश्न का हो ऐसे में नुकसान दिखाई नहीं देता है वही हाल हारो फेस्टिवल का भी है। हारो को मनाने के लिए 75,000 शराब ट्रकों में भर कर लाई जाती हैं। इस फेस्टिवल की मेजबानी वहा का मेयर करता है। मेयर जैसे ही हारोएस्ट प्वाइंट का पर्पल फ्लैग लगाते हैं, तभी से ही फेस्टिवल की शुरूआत हो जाती है। इसके बाद से ही लोग वाइन से एक दूसरे को रंगने की होड़ में लग जाते हैं। ये सेलेब्रेशन दोपहर तक चलता है और उसके बाद लोग अपने घरों को लौट आते हैं।

- सुषमा तिवारी

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़