रातों-रात गायब हो गई थी क्रिप्टोकरेंसी क्वीन, निवेशकों को दिखाया था लाखों-करोड़ों कमाने का सपना

Ruja Ignatova

क्रिप्टोकरेंसी क्वीन कही जाने वाली रुजा इग्नातोवा ने लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर उनके लाखों करोड़ों रुपए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवा दिए थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रुजा इग्नातोवा बुल्गारिया से आती हैं और खुद को वो पेशे से डॉक्टर बताती हैं।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार आगामी संसद सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। इसी बीच हम आपको क्रिप्टोकरेंसी क्वीन की जानकारी देने वाले हैं जिन्होंने किसी जमाने में क्रिप्टोकरेंसी को खोजने का दावा किया था। 

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क्रिप्टोकरेंसी क्वीन कही जाने वाली रुजा इग्नातोवा ने लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर उनके लाखों करोड़ों रुपए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवा दिए थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रुजा इग्नातोवा बुल्गारिया से आती हैं और खुद को वो पेशे से डॉक्टर बताती हैं। उन्होंने लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से लाखों-करोड़ों रुपए कमाने का सपना दिखाकर 30 हजार करोड़ रुपए के फ्रॉड को अंजाम दिया।

रुजा इग्नातोवा ने वनक्वॉइन को लॉन्च किया था। उन्होंने कहा था कि वनक्वॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बनेगी और लोग उम्मीद से भी ज्यादा मुनाफा कमाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 से 2017 के बीच दुनियाभर में वनक्वॉइन में चार अरब यूरो का निवेश हुआ था। उस वक्त वनक्वॉइन का पैकेज 140 यूरो से शुरू होकर 18,000 यूरो तक जाता था।

रिपोर्ट के मुताबिक, वनक्वॉइन के पास ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी नहीं थी लेकिन रुजा इग्नातोवा ने वनक्वॉइन को इस टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने का प्रयास किया था और वो असफल रही थी। दरअसल, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए ही क्रिप्टोकरेंसी काम करती हैं।

एक वक्त ऐसा आया जब रुजा इग्नातोवा निवेशकों के पैसे लेकर गायब हो गईं। उन्होंने निवेशकों को धोखे में रखते हुए बुल्गारिया समेत कई देशों में अपनी संपत्ति बनाई थी और वो कहां गायब हुईं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी। उनके गायब होने के साथ ही निवेशकों के पैसे भी गायब हो गए। जिसे दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड माना जाता है। इस पर बकायदा बीबीसी ने 'द मिसिंग क्रिप्टोक्वीन' नामक पॉडकॉस्ट सीरीज चलाई थी।

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क्या है क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टो करेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है। क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।

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