छात्रों का इंतजार करते सिंधिया ने शेयर की फोटो, लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन

Jyotiraditya Scindia

याशीर नाम के यूजर ने लिखा कि, इंतजार करना ही था तो अपने देश में भी कर सकते थे, देश का कुछ पैसा व्यर्थ होने से बच जाता। शुभम अवस्थी नाम के यूजर ने लिखा कि लोग कहते हैं कि नेताओं को केवल भाषण देना आता है, आपने वो झूठ साबित कर दिया।

रूस और यूक्रेन के बीच जंग थमती हुई नजर नहीं आ रही है। इन दोनों देशों की जंग के बीच बड़ी तादाद में वहां भारतीय छात्र फंस गए हैं। मोदी सरकार ऑपरेशन गंगा के जरिए यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए लगातार काम कर रही है। मोदी सरकार के चार मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजे गए हैं, जहां से वे भारतीय छात्रों को सुरक्षित वतन भेज रहे हैं। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी और वीके सिंह पहुंचे हुए हैं। चारों मंत्री वहां रहकर भारतीय छात्रों की वापसी के काम को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की है, जिसमें वे यूक्रेन बॉर्डर पर भारतीय लोगों का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं।

सिंधिया ने तस्वीर साझा करने के साथ ट्विटर पर लिखा हमारे भारत के बेटे बेटियों का इंतजार करते हुए। आपको बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया गए हुए हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस ट्वीट के बाद लोग अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं। कुछ लोग केंद्रीय मंत्री की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग उन्हें तंज कस रहे हैं। पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि सबसे कठिन काम है इंतजार करना, आप वही कर रहे हैं। आपकी मेहनत को सलाम, 11-12 घंटे होने आए कुर्सी ले लीजिए खड़े-खड़े थक गए होंगे महाराज। मोहम्मद नाम के यूजर ने लिखा कि मान्यवर एक सवाल है, अगर बच्चे दूसरे देश के बॉर्डर पर ही आ जाएंगे तो फिर आप किस बात का श्रेय लेने वहां हैं?

विजय ठाकुर नाम की एक यूजर ने लिखा कि कहने को प्लेन, पायलट भी छात्रों को लेकर आ सकते थे पर पहली बार यह देखने को मिला कि जनप्रतिनिधि उसमें बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। पोनी जाट नाम के यूजर ने लिखा कि अच्छे भले महाराज को चौकीदार बना दिया। अंकित नरेंद्र रघुवंशी नाम के यूजर ने लिखा कि आपका दायित्व उन्हें यूक्रेन से लाने का है ना कि रोमानिया की बॉर्डर से।

 

याशीर नाम के यूजर ने लिखा कि, इंतजार करना ही था तो अपने देश में भी कर सकते थे, देश का कुछ पैसा व्यर्थ होने से बच जाता। शुभम अवस्थी नाम के यूजर ने लिखा कि लोग कहते हैं कि नेताओं को केवल भाषण देना आता है, आपने वो झूठ साबित कर दिया।

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