''महिला सम्मान'' की सिर्फ बातें ही बड़ी बड़ी करते हैं लोग

People only make big statements about ''womens honor''
प्राची थापन । Nov 20 2017 2:50PM

आज के आधुनिक दौर में जब हम बात करते हैं महिलाओं के सम्मान की और उनकी सुरक्षा की तो यह कथन कहाँ तक और किस स्तर तक सार्थक होता है यह आप हमारे इस लेख के माध्यम से भली भांति जान जायेंगे।

आज के आधुनिक दौर में जब हम बात करते हैं महिलाओं के सम्मान की और उनकी सुरक्षा की तो यह कथन कहाँ तक और किस स्तर तक सार्थक होता है यह आप हमारे इस लेख के माध्यम से भली भांति जान जायेंगे। आपको पता चलेगा कि हमारे समाज की औरतें अपने आप को कितना सुरक्षित महसूस करती हैं और मज़ाक के नाम पर हो रहे उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ कहीं न कहीं एक महिला को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने से रोकता है। यह कथन पूर्णतया मिथ्या होता जा रहा है कि अब एक औरत भी पुरुष की भांति सम्मानपूर्वक काम कर सकती है। खैर, इन सबको लेकर बातें तो बहुत बड़ी बड़ी की जाती हैं और इसको हर बार मुद्दा भी बनाया जाता है पर उस एक उठती आवाज़ को क्यों दबाने की कोशिश की जाती है। इन सबका क्या निष्कर्ष निकलता है इस बारे में सोचने की जरूरत है। ऐसी बातों को निःसंकोच साझा करना चाहिए ताकि कोई सार्थक परिणाम निकले। कुछ महिलाओं ने अपने 'कड़वे' अनुभव हमारे साथ साझा किये लेकिन हम बिना उनका नाम बताये उक्त मुद्दों पर इस लेख में चर्चा करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान मिल कर खोजने की कोशिश करेंगे।

इसे पढ़ें और आप सभी भी अपने-अपने सुझाव दें और हो सके तो अपने साथ के लोगों के साथ भी साझा करें ताकि जिन समस्याओं को लेकर आप और हम चुप हो जाते हैं वह अंत में अत्याचार का रूप ना ले ले। ऐसे जख़्मों को नासूर नहीं बनने दें। उनकी समस्या का क्या समाधान होना चाहिए, इस पर आप भी अपने सुझाव दे सकते हैं ताकि उनको अपनी समस्या का सर्वोत्तम हल मिल सके। अपने आत्म सम्मान की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने में हिचकना नहीं चाहिए। कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाओं में उन लोगों के नाम नहीं बताये जिसने उन्हें ठेस पहुँचाई लेकिन वह सम्मान को ठेस पहुँचाए जाने पर चुप नहीं रहे। आपसे भी आग्रह है कि गलत व्यवहार के खिलाफ बोलें क्योंकि जिन समस्याओं को लेकर हम चुप हो जाते हैं वह बाद में अत्याचार का रूप ले लेता है। 

१- आमतौर पर यह देखा गया है कि अगर कोई लड़की किसी भी लड़के या आदमी से हंस कर बात कर लेती है तो इसका मतलब यह हो गया कि वह लड़का उस लड़की को जैसे चाहे मैसेज करने लग जाए या उसको लेकर कुछ भी बोलने लग जाए या यहाँ तक कि उसके चरित्र पर ऊँगली उठाने लग जाए। अगर सरल भाषा में बोला जाये तो हंसी तो फंसी।

समाधान- अगर लड़की गलत नहीं है तो उसको उसी समय उस इंसान को टोक देना चाहिए और बात अगर ऑफिस की है तो उसे अपने सीनियर से बताना चाहिए और अगर सीनियर भी इन सबको हलके में लेता है तो उस व्यक्ति द्वारा किये गए मैसेज को अपने ई-मेल पर और अपने मैसेज बॉक्स में सुरक्षित करके रखे और अगर ऐसी कोई कॉल भी आती है तो उसकी भी रिकॉर्डिंग कर ले और नज़दीकी पुलिस स्टेशन जाकर इस बात की रिपोर्ट लिखवाये। आप गलत नहीं हैं तो गलत को बढ़ावा भी मत देने दें। आज आपके साथ यह हरकत हुई है कल किसी और के साथ भी ऐसा कुछ हो सकता है।

२- दूसरी समस्या है गलत हरकत बर्दाश्त करना। यह भी समस्या आम है उन लड़कियों के साथ खासकर ऐसी जो माध्यम वर्ग से हैं और कुछ हद तक उनके घर का खर्च उनकी तनख्वाह पर ही निर्भर करता है। ऐसी ही एक समस्या हमारे पास भी आई है जिसमें उसका सीनियर उसके साथ गलत काम करता रहा और उसने शुरुआत में आवाज़ तक नहीं उठाई और जब उसने आवाज़ उठाई तो उसको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। चुप रही क्योंकि उसको अपना घर चलाना था, चुप रही क्योंकि उसको अपनी इज़्ज़त की चिंता थी कि कहीं इन सबसे उसकी बदनामी ना हो जाये, चुप रही क्योंकि उसे नौकरी से हाथ धो बैठने का डर था।

समाधान- छोड़ दें यह सोचना कि अगर मैंने बोल दिया तो लोग क्या सोचेंगे कहीं नौकरी ना चली जाए, कहीं बदनामी ना हो जाये। छोड़ दें यह सब सोचना और पहली बार हुई गलती और छेड़छाड़ पर आवाज़ उठायें और बोलें निडर होकर कि आपके साथ जो हो रहा है वह गलत है। गलत हरकत के बारे में बतायें क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं। बाद में यही समस्या आपके लिए किसी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। फिर यही सुझाव देना चाहेंगे कि अगर आपको पता है कि वह व्यक्ति आपके साथ दुबारा वही हरकत करेगा तो अपना रिकॉर्डर ऑन रखें और हो सके तो सबूत के तौर पर विडिओ अगर बन सकें तो वह भी बना लें। जैसा अभी इसमें उस पीड़िता ने शेयर भी किया कि उसे अंत में अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो अगर आपके पास पक्के सबूत हों तो आपको नहीं उस इंसान को जाने की जरूरत पड़ेगी। 

३- मज़ाक मज़ाक में अपशब्द बोल जाना और उसके बाद इस बात का अफ़सोस तक नहीं होना कि जो उसने किया गलत किया और दूसरों को वही बात सुना सुना कर मज़े लेना। आमतौर पर कई बार कार्यस्थलों में लोग मज़ाक मज़ाक में इतनी भद्दी बात तक बोल जाते हैं कि उनको खुद को ही नहीं पता होता की क्या बोल गए।

समाधान- अगर किसी भी लड़की और महिला के साथ मज़ाक में भी ऐसे कुछ शब्दों का प्रयोग हो रहा है तो उसे पहले एक दो चेतावनी देनी चाहिए और अगर तब भी वह व्यक्ति ना सुधरे तो उसको खुलकर अपने सीनियर के साथ इस बात को शेयर करना चाहिए ताकि वह इस बात का उस व्यक्ति को अहसास दिला सके कि जिन शब्दों का प्रयोग उसने किया है वह गलत है और आगे उन शब्दों का दुबारा प्रयोग ना करे जो किसे के चरित्र पर कटाक्ष करते हों। उसको इस बात का अहसास कराया जाना अनिवार्य है कि उसने जो बोला गलत है। इस बात का किसी को अधिकार नहीं है कि किसी के चरित्र पर कोई ऊँगली उठाये। हमारे देश में सबको अपने विचारों की अभिव्यक्त करने की आज़ादी है पर किसी को अपशब्द और किसी के चरित्र पर ऊँगली उठाने का अधिकार किसी को भी नहीं है।

उक्त उदाहरण समाज के लोगों की मानसिकता को दर्शाते हैं कि समाज में एक औरत और एक लड़की को लेकर क्या सोच है। लोग बड़ी बड़ी बातें करते हैं लेकिन उस समय उस लड़की पर क्या बीत रही होती है इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता। क्यों लड़कियों को ही इस गन्दी मानसिकता का सामना करना पड़ता है ???, क्यों लड़कियों को ही यह सब सहन करना पड़ता है ??? चूँकि वह एक लड़की है इसलिए यह सब सहन करती रहे? आमतौर पर यह भी देखा जाता है कि अधिकतर समस्या के वक्त खुद एक लड़की और एक औरत दूसरी औरत का साथ नहीं देती। आप खुद सोचिये कब तक आप दूसरों पर निर्भर रहेंगी। आप खुद में इतनी सक्षम हैं कि आपको किसी की जरूरत नहीं। अपने लिए अगर अभी नहीं कह पाईं तो कभी नहीं कह पाएंगी। एक कहावत भी है- तब पछतावे होत क्या जब चिड़िया चुग गई।

अंत में आप सभी से निवेदन है कि अगर आपकी भी ऐसी कोई समस्या है जिसे आप किसी से ना कह पा रहे हों तो हमारे साथ यहाँ साझा कर सकते हैं और आपकी सुरक्षा के लिए आपका नाम और आपकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

- प्राची थापन

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