महंगे प्रॉडक्ट नहीं, ऑयल पुलिंग के जरिए रख सकते है अपने स्किन का खयाल

oil pulling
मिताली जैन । Apr 26 2021 11:43AM

ऑयल पुलिंग का सबसे पहला और बड़ा लाभ यह है कि यह आपके डेंटल हाईजीन का ख्याल रखता है। यह मुंह के बैक्टीरिया को नष्ट करता है। इसके नियमित अभ्यास से सांसों की दुर्गंध, दांतों में दर्द या कैविटी, गले में इंफेक्शन जैसी संभावनाएं काफी कम हो जाती है।

बॉलीवुड सेलेब्स की खूबसूरत स्किन को देखकर अक्सर हम सभी यही कल्पना करते हैं कि हमारी स्किन भी उनके जैसे ही खूबसूरत बने। अमूमन लोग यह मानते हैं कि अपनी स्किन को ब्यूटीफुल बनाने के लिए बाॅलीवुड एक्ट्रेस महंगे ब्यूटी प्रॉडक्ट्स व मेकअप का सहारा लेती हैं। हालांकि यह पूरी तरह सच नहीं है। कुछ समय पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस बात का खुलासा किया था कि उनके दिन की शुरूआत गंडूशा यानी आॅयल पुलिंग से होती है। यह एक आयुर्वेदिक प्रैक्टिस है, जो स्किन और सेहत दोनों के लिए लाभदायी है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

क्या है ऑयल पुलिंग

ऑयल पुलिंग जिसे गंडूशा या कवला भी कहा जाता है, एक आयुर्वेदिक अभ्यास है। इस अभ्यास को सुबह के समय खाली पेट किया जाता है। ऑयल पुलिंग के दौरान अपने मुंह में थोड़ा तेल डाकलर अंदर ही अंदर चारों ओर कुछ मिनटों के लिए घुमाना होता है। इसके बाद आप इसे बाहर थूक दें। यह कुछ ऐसे ही है, जैसा कि आप कुल्ला करते हैं, हालांकि इसमें पानी की जगह तेल से कुल्ला किया जाता है। ऑयल पुलिंग के दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि आपको तेल को गलती से भी निगलना नहीं है। साथ ही कुछ भी खाने या पीने से पहले पानी का उपयोग करके अपने मुंह को अच्छी तरह से साफ करना ना भूलें।

मिलते हैं यह फायदे

ऑयल पुलिंग का सबसे पहला और बड़ा लाभ यह है कि यह आपके डेंटल हाईजीन का ख्याल रखता है। यह मुंह के बैक्टीरिया को नष्ट करता है। इसके नियमित अभ्यास से सांसों की दुर्गंध, दांतों में दर्द या कैविटी, गले में इंफेक्शन जैसी संभावनाएं काफी कम हो जाती है। साथ ही यह बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है, जिसके कारण आपकी हेल्थ तो बेहतर बनती है ही, साथ ही साथ टॉक्सिन बाहर निकलने से स्किन पर नेचुरल ग्लो आता है।

इन तेलों का करें इस्तेमाल

ऑयल पुलिंग में तेल से स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है। ऐसे में सबसे पहले और सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ऑयल पुलिंग या गंडूशा के लिए किन तेलों का इस्तेमाल किया जाए। वैसे तो इस आयुर्वेदिक अभ्यास के लिए नारियल के तेल का सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसके अलावा आप तिल के तेल, सूरजमुखी के तेल या ऑलिव ऑयल को भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

- मिताली जैन

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