मेरे भीतर एक बुजुर्ग आदमी हमेशा से रहा है: गुलजार
![An elderly man has always been in me: Gulzar An elderly man has always been in me: Gulzar](https://images.prabhasakshi.com/2018/5/_650x_2018052114474583.jpg)
गीतकार गुलजार ऐसे गिने चुने लेखकों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपनी कलम के जादू से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया है।
नयी दिल्ली। गीतकार गुलजार ऐसे गिने चुने लेखकों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपनी कलम के जादू से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया है। हालांकि उनका मानना है कि ‘‘एक बुजुर्ग आदमी’’ हमेशा उनकी चेतना की गहराई में रहा है। ‘मेरे अपने’ और ‘आंधी’ जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाने जाने वाले लेखक और कवि 83 वर्षीय गुलजार ने कहा कि वह कभी बॉलीवुड के फार्मूला पर आधारित ‘लड़के - लड़की’ की प्रेम कहानी को बताने के लिए आकर्षित नहीं हुए थे।
रेखा-नसीरूद्दीन शाह और अनुराधा पटेल के प्रेम त्रिकोण पर आधारित ‘इजाजत’ फिल्म का उदाहरण देते हुये उन्होंने कहा, ‘ मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं मेरे भीतर हमेशा से एक बुजुर्ग आदमी रहा है।’’ गुलजार ने बताया, ‘‘जब कभी मेरे पास एक पटकथा आती है तो उसमें एक युवा लड़का - लड़की नहीं रहती है। वे सभी परिपक्व चरित्र होते हैं।’’ गुलजार 13वें हेबिटेट फिल्म महोत्सव में एक सत्र में निर्देशक विशाल भारद्वाज और राकेश ओमप्रकाश मेहरा से मुखातिब थे। यह फिल्म महोत्सव 27 मई तक चलेगा।
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