Karur Stampede | करूर भगदड़ में अफवाहें फैलाने के आरोप में तमिल यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड गिरफ्तार

Karur stampede
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रेनू तिवारी । Sep 30 2025 11:08AM

जाने माने तमिल यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड को अभिनेता से नेता बने विजय की करूर रैली में हुई भगदड़ की घटना के संबंध में ‘‘अफवाहें फैलाने’’ के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

जाने माने तमिल यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड को अभिनेता से नेता बने विजय की करूर रैली में हुई भगदड़ की घटना के संबंध में ‘‘अफवाहें फैलाने’’ के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह गिरफ्तारी पुलिस द्वारा भगदड़ के बारे में अफवाह फैलाने के आरोप में 20 लोगों पर मामला दर्ज करने और तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुई है। गेराल्ड का एक यूट्यूब चैनल है जिसमें समसामयिक विषयों पर तमिल में जानकारी मुहैया कराई जाती है।

इस बीच, एक विशेष पुलिस दल ने तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के पदाधिकारी पौनराज को भगदड़ मामले के मुख्य आरोपी एवं पार्टी पदाधिकारी मथियालगन को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मथियालगन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मथियालगन भगदड़ की घटना में दर्ज प्राथमिकी में नामजद तीन टीवीके पदाधिकारियों में शामिल थे।

प्राथमिकी में नामित पार्टी के दो अन्य पदाधिकारियों में टीवीके के प्रदेश महासचिव बुस्सी आनंद और पार्टी के उप महासचिव निर्मल कुमार के नाम शामिल हैं। टीवीके के तीनों पदाधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 125 (दूसरों के जीवन को खतरे में डालना) और 223 (आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

घटना के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में मथियाझगन को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यह रैली अभिनेता विजय द्वारा शुरू की गई राजनीतिक पार्टी टीवीके द्वारा आयोजित की गई थी। 

हालाँकि एफआईआर में टीवीके प्रमुख विजय का नाम नहीं था, लेकिन इसमें पार्टी के तीन पदाधिकारियों: मथियालगन (करूर जिला सचिव), बुस्सी एन आनंद (राज्य महासचिव) और सीटीआर निर्मल कुमार (राज्य संयुक्त सचिव) का नाम शामिल था, और कहा गया था कि विजय ने वेलुसामीपुरम पहुँचने से पहले अनधिकृत रोड शो किया, जहाँ उनकी गाड़ी भारी भीड़ के बीच रुकी।

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, तीनों पार्टी नेताओं पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 125 (जीवन को खतरे में डालना) और 223 (आदेश की अवज्ञा) के साथ-साथ तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति (क्षति और हानि निवारण) अधिनियम, 1992 की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए हैं। 

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