AAP नेता राघव चड्ढा पर भड़कीं राखी सावंत, पति भी आए सपोर्ट में, जानिए पूरा मामला

Rakhi Sawant
रेनू तिवारी । Sep 18 2021 5:49PM

आप प्रवक्ता राघव चड्ढा द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना करने के बाद राखी सावंत इस समय ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। अभिनेत्री को अब अपने पति रितेश का समर्थन मिल गया है।

आप प्रवक्ता राघव चड्ढा द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना करने के बाद राखी सावंत इस समय ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। अभिनेत्री को अब अपने पति रितेश का समर्थन मिल गया है। उन्होंने हाल ही में इंस्टाग्राम पर अपने पति के द्वारा उनके समर्थन में किए गए ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट साझा किया। अभिनेत्री ने उन्हें धन्यवाद दिया और लिखा कि वह खुश हैं कि कोई उनका समर्थन करने के लिए है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राखी सावंत ने 2019 में यूके बेस्ड एनआरआई बिजनेसमैन रितेश से शादी की थी। पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि राखी सावंत ने अपने पति रितेश के बारे में झूठ बोला है और वह मौजूद नहीं है। हालांकि, एक्ट्रेस ने अब अपने पति के समर्थन में ट्वीट करते हुए एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है।

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ट्वीट में लिखा है, "@raghav_chadha, @PunjabPoliceInd, @BJP4India, @INCIndia, @AamAadmiParty, FYI करें, कृपया अपने राजनीतिक लाभ के कारण किसी की निजी जिंदगी खराब न करें। @ArvindKejriwal, कृपया अपने विधायक को शिक्षित करें अन्यथा अगर मैं शिक्षित किया को कहीं भी 'आप' नहीं दिखेगा।

इससे पहले राखी सावंत की जब इस मामले पर प्रतिक्रिया ली गयी तो उन्होंने राघव चढ्ढा को लेकर कहा था कि मुझसे और मेरे नाम से दूर रहो. जो मिस्टर चड्डा हो ना, अगर मेरा नाम लोगे तो मैं तुम्हारा चड्डा उतार दूंगी. अभी मैं ट्रेंडिंग में हूं'।

पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और आप ने शुक्रवार को ट्विटर पर एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेस नेता ने “वानरों और बंदरों” का उल्लेख किया वहीं आप की तरफ से उन्हें “पंजाब की राजनीति का राखी सावंत” कहा गया। सिद्धू ने केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की और इस मुद्दे पर उन्होंने दोनों पर “नाटक” करने के आरोप लगाए। सिद्धू ने शिअद पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वे ‘‘काले कानून’’ के ‘‘निर्माता एवं बचावकर्ता’’ हैं जबकि आप पर दिल्ली विधानसभा में कृषि कानून की प्रतियां फाड़ने का नाटक करने का आरोप लगाया। सिद्धू ने आरोप लगाया कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले साल कृषि कानूनों में से एक को अधिसूचित किया था, वह भी तब जब किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कानूनों का विरोध कर रहे थे। सिद्धू ने ट्वीट में कहा था, “किसानों का शोषण और उन फसलों पर भी कम कीमतें जहां एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की घोषणा की गई है-अरविंद केजरीवाल आपने निजी मंडी के केंद्रीय काले कानून को अधिसूचित किया! क्या इस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है या बहाना अब भी चल रहा है?” इस पर पलटवार करते हुए आप नेता राघव चड्ढा ने कहा, “पंजाब की सियासत के राखी सावंत- नवजोत सिंह सिद्धू को कैप्टन के खिलाफ लगातार बोलने के लिये कांग्रेस आला कमान से डांट पड़ी है। इसलिए आज, बदलाव के लिये, वह अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़ गए। कल तक इंतजार कीजिए क्योंकि वह फिर से जोश के साथ कैप्टन के खिलाफ आरोप वाले बयान देंगे।” इस बीच सिद्धू ने चड्ढा पर पलटवार करते हुए कहा कि आप नेता ने अब तक उनके सवाल का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा, “कहते हैं कि इंसान का विकास वानरों और बंदरों से हुआ है, आपके दिमाग को देखते हुए राघव चड्ढा, मेरा मानना है कि आपका विकास अब भी हो रहा है।

 आपने अब तक, कृषि कानूनों को आपकी सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने को लेकर मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया।” इससे पहले दिन में, शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कानूनों को पारित किए जाने के एक वर्ष पूरा होने पर दिल्ली में कानूनों के विरोध में मार्च निकाला, जिसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं को हिरासत में ले लिया। सिद्धू ने बुधवार को भी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बादल परिवार पर प्रहार किया था और उन पर आरोप लगाया था कि केंद्र के कृषि कानूनों की जड़ में वही हैं जिसको लेकर किसान पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। शिअद पर आज फिर प्रहार करते हुए सिद्धू ने एक बार फिर आरोप लगाया कि वे ‘‘काले कानून’’ के ‘‘निर्माता एवं बचावकर्ता’’ हैं। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘काले कानून के निर्माता और बचावकर्ता आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। आपकी नौटंकी का भंडाफोड़ हो गया।’’ सिद्धू ने बुधवार को आरोप लगाया था कि केंद्र का एक कानून पंजाब अनुबंधित कृषि कानून, 2013 की ‘‘फोटोस्टेट कॉपी’’ है जिसे प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती शिअद-भाजपा सरकार ने लागू किया था। 


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