अभिनय का असली मतलब दर्शकों को जोड़े रखना - अनिल कपूर

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मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे हर तरह की फिल्में मिलती हैं, जिनमें मुख्यधारा से लेकर संवेशनशील और एक्शन फिल्में शामिल हैं।

मुंबई। अभिनेता अनिल कपूर के लिये दर्शकों को जोड़े रखना ही अभिनय का असली मतलब है और वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि 35 साल के उनके फिल्मी करियर में उन्हें वे फिल्में मिलीं जिनसे वे ये उपलब्धियां पाने में कामयाब रहे। वर्ष 1971 में फिल्म तू पायल मैं गीत में शशि कपूर की बचपन की भूमिका से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत करने वाले अनिल कपूर का मानना है कई चीजों का मिश्रण है आज तक उनके लिये काम कर रहा है, इसमें अच्छी पटकथा से लेकर प्रशंसकों और साथियों के मिला सम्मान शामिल है।

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अनिल कपूर ने कहा कि जब आप कोई योजना या रणनीति बनाते हो, तो कोई नहीं जानता कि आपके रास्ते में क्या आने वाला है। क्योंकि मुझे अलग अलग तरह की फिल्में पेश की जाती रही हैं, लिहाजा मैं उनके चुनाव को लेकर बेहतर स्थिति में हूं और वही करता हूं जो मेरे लिये सही है। कपूर ने बताया, बहुत से अभिनेता हैं जिनको इस तरह की फिल्में नहीं मिलतीं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे हर तरह की फिल्में मिलती हैं, जिनमें मुख्यधारा से लेकर संवेशनशील और एक्शन फिल्में शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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