शीर्षक ‘‘शादी के डायरेक्टर- करण और जौहर’’ फिल्म निर्माता के अधिकारों का उल्लंघन है : उच्च न्यायालय

Bombay High Court
ANI

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘करण जौहर नाम पूरी तरह से प्रतिवादी नंबर-एक (करण जौहर) से जुड़ा है और उनके ‘व्यक्तित्व और ब्रांड नाम’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक फिल्म की रिलीज पर रोक बरकरार रखी, जिसका नाम संभवत: ‘शादी के डायरेक्टर करण और जौहर’ या ‘शादी के डायरेक्टर करण जौहर’ है। अदालत ने कहा कि यह नाम फिल्म निर्माता करण जौहर के व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों का उल्लंघन करता है।

मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने कहा कि जौहर ने भारत और वैश्विक स्तर पर मनोरंजन उद्योग में ‘‘अत्यधिक प्रतिष्ठा’’ अर्जित की है।

पीठ ने फिल्म के निर्माता संजय सिंह की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाली उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा मार्च में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने फिल्म और उसके शीर्षक के खिलाफ जौहर द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया था।

अदालत ने कहा कि ‘करण’ और ‘जौहर’, जब एक साथ (शीर्षक में) उपयोग किए जाते हैं, तो मशहूर हस्ती और फिल्म निर्माता करण जौहर की ओर इशारा करते हैं। उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि करण जौहर का नाम उनकी विशेष पहचान बन गया है, इसलिए निर्देशक को अपने विवेक के अनुसार इसका व्यावसायिक उपयोग करने का अधिकार है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘करण जौहर नाम पूरी तरह से प्रतिवादी नंबर-एक (करण जौहर) से जुड़ा है और उनके ‘व्यक्तित्व और ब्रांड नाम’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’

पीठ ने कहा कि प्रतिवादी (जौहर) एक मशहूर शख्सियत होने के नाते अपने व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा के हकदार हैं तथा तीसरे पक्ष द्वारा अनधिकृत वाणिज्यिक शोषण के खिलाफ सुरक्षा का दावा कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़