13311.5 मेगावाट क्षमता वाली 50 योजनाओं की पहचान हुई

[email protected] । Mar 23 2017 4:27PM

सरकार ने लोकसभा में बताया कि देश में पनबिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए 13वीं योजना अवधि (2017-2022) के वास्ते 13311.5 मेगावाट क्षमता वाली कुल 50 परियोजनाओं की पहचान की गई है।

सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में पनबिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए 13वीं योजना अवधि (2017-2022) के वास्ते 13311.5 मेगावाट क्षमता वाली कुल 50 परियोजनाओं की पहचान की गई है। केंद्रीय ऊर्जा, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, एवं खदान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने लोकसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि 14वीं योजना अवधि (2022-2027) के लिए 21150 मेगावाट क्षमता वाली 26 परियोजनाओं की पहचान की गई है जिसमें मुख्य तौर पर पर्वतीय राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की पनबिजली परियोजनाएं हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में पनबिजली योजनाओं के विकास के लिए राज्यों को धनराशि मुहैया कराने की ऊर्जा मंत्रालय की कोई योजना या नीति नहीं है। उन्होंने बताया कि देश में 2016.2017 (अप्रैल 2016 से फरवरी 2017) के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 159542 मेगावाट थी जबकि मांग की आपूर्ति 156934 मेगावाट रही। गोयल ने कहा कि ऊर्जा मांग को पूरा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों की है। यद्यपि केंद्र सरकार केंद्रीय सेक्टर के तहत संयंत्रों की स्थापना करके और उससे उन्हें बिजली आवंटित करके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में मदद करती है। उन्होंने बताया कि 12वीं योजना अवधि (2012-2017) के दौरान पारंपरिक स्रोतों से 94689.47 मेगावाट की क्षमता बढ़ोतरी का लक्ष्य था जिसमें से 28 फरवरी 2017 तक 88537 मेगावाट का लक्ष्य हासिल किया गया। वहीं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 30000 मेगावाट का लक्ष्य था जिसमें से 31 जनवरी 2017 तक करीब 22736 मेगावाट का लक्ष्य हासिल किया गया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही ऊर्जा संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

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