52 प्रतिशत अस्थायी कर्मचारियों ने कहा, कौशल बढ़ाना, नई नौकरी तलाशना चुनौतीपूर्ण : सर्वे

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देश में 52 प्रतिशत से अधिक गिग या अस्थायी कर्मचारियों का मानना है कि उनके काम का माहौल उन्हें कौशल बढ़ाने या नौकरी के नए अवसर तलाशने के लिए चुनौतीपूर्ण बनाता है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। गिग कर्मचारियों को काम के बदले भुगतान किया जाता है।

देश में 52 प्रतिशत से अधिक गिग या अस्थायी कर्मचारियों का मानना है कि उनके काम का माहौल उन्हें कौशल बढ़ाने या नौकरी के नए अवसर तलाशने के लिए चुनौतीपूर्ण बनाता है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। गिग कर्मचारियों को काम के बदले भुगतान किया जाता है। अहमदाबाद के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) में बने स्टार्टअप मंच सीआईआईई.सीओ द्वारा कर्मचारियों के साथ किये गये एक सर्वेक्षण के मुताबिक, ज्यादातर युवा अपनी पहली नौकरी के लिए तेजी से ‘गिग अर्थव्यवस्था मंचों’ की ओर देखते हैं।

हालांकि, 52 प्रतिशत से अधिक ठेका कर्मचारियों ने कहा कि काम के माहौल में कौशल बढ़ाना या नौकरी के नए अवसर तलाशना मुश्किल हो जाता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि गिग कर्मचारियों को शुरुआत में लघु अवधि में आय का विकल्प मिलता है, लेकिन इन कर्मचारियों को लंबी अवधि तक जोड़कर रखा जाता है, जबकि दीर्घावधि में इनके पास करियर में आगे बढ़ने के अवसर नहीं होते। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन में से सिर्फ एक गिग कर्मचारी के पास निकट भविष्य में नौकरी बदलने की स्पष्ट योजना थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गिग मंच वर्तमान में तेजी से विश्वविद्यालय से निकलने वाले युवा स्नातकों के लिए पहली नौकरी का स्रोत बन रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर उन्हें कुशल नहीं बनाया जाता है और उन्हें बेहतर आय वाले अच्छे संगठनों में रखा जाता है, तो इससे देश में मानव पूंजी का कम उपयोग होता है। इस सर्वे में 4,070 मंच आधारित गिग कर्मचारियों की राय ली गई। इनमें ऊंची आय वाले कर्मचारियों से लेकर दिहाड़ी मजदूरी वाले कृषि श्रमिक शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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