एयर इंडिया विनिवेश की प्रक्रिया बेहतर तरीके से बढ़ रही आगे: जेटली

Air India disinvestment process moving quite well says Arun Jaitley

मेरे हिसाब से जब हम बोली लगाने वालों को समझ लेंगे और उनकी प्रतिक्रियाओं का हमें अंदाजा हो जाएगा, हम शर्तें तय कर देंगे और इसपर आगे बढ़ने को कहेंगे।’’

मुंबई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया अच्छे से आगे बढ़ रही है और इसमें लेनदेन प्रक्रिया के लिये सलाहकार को जल्दी ही नियुक्त किया जाएगा। सलाहकार इस क्षेत्र में बोलियों के बारे में सरकार को जानकारी देंगे। विनिवेश प्रक्रिया के बारे में जेटली ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यह काफी बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है। यह एक ऐसा मामला है जिसमें हम जब बाजार और बोली लगाने वालों के बारे में एक बार जानकारी प्राप्त होने पर हम यह तय करेंगे की हमारी नीलामी की शर्तें क्या होंगी। मेरे हिसाब से जब हम बोली लगाने वालों को समझ लेंगे और उनकी प्रतिक्रियाओं का हमें अंदाजा हो जाएगा, हम शर्तें तय कर देंगे और इसपर आगे बढ़ने को कहेंगे।’’

ब्लूमबर्ग के इंडिया इकोनॉमिक फोरम में यहां जेटली ने सार्वजनिक बैंकों के एकीकरण के बारे में कहा कि सरकार का जोर मजबूत बैंकों को आपस में मिलाने की है न कि कमजोर बैंकों को। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रणनीति को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘एकीकरण का उद्देश्य बड़े तथा मजबूत बैंक बनाना है। हम अपनी रणनीति तय करने में काफी आगे के चरण में हैं और हम एकीकरण तथा मजबूती दोनों पर ध्यान दे रहे हैं।’’ वित्तमंत्री ने अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि वित्तीय अनुशासन को बनाये रखना एक चुनौती है पर इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘आप एक अर्थव्यवस्था में खर्च जारी रखने, बैंकों को मदद करने और इसके साथ-साथ वित्तीय अनुशासन की सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता को बरकरार रखने में संतुलन कैसे बनाएंगे? मैं समझता हूं कि हम जिस चुनौती का सामना कर रहे हैं वह वित्तीय अनुशासन को बनाये रखना है।’’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों को देख रही है।इस तरह की चर्चा जोरों पर है कि सरकार अर्थव्यवसथा को गति देने के लिये 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रोत्साहन पैकेज दे सकती है। आर्थिक वृद्धि के पिछले लगातार छह तिमाहियों में नीचे रहने और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके पिछले तीन साल के निम्न स्तर 5.7 प्रतिशत तक आने के बाद सरकार इस दिशा में पहल कर सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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