AISTA ने चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर 3.35 करोड़ टन किया

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एआईएसटीए ने दूसरा अनुमान जारी करते हुए कहा कि चीनी उत्पादन के संशोधित अनुमान में इथेनॉल बनाने के लिए लगने वाली सुक्रोज की मात्रा को शामिल नहीं किया गया है। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन चालू सत्र में 1.13 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 के सत्र में यह 1.37 करोड़ टन रहा था।

चीनी उद्योग निकाय एआईएसटीए ने सोमवार को कहा कि कम गन्ना ऊपज और उससे चीनी की कम प्राप्ति को देखते हुए 2022-23 के चालू सत्र में भारत का चीनी उत्पादन 10 लाख टन घटकर 3.35 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इससे पहले, अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने अक्टूबर 2022-सितंबर 2023 सत्र में चीनी उत्पादन 3.45 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया था। संशोधित अनुमानों के आधार पर, देश का चीनी उत्पादन 2021-22 सत्र के 3.58 करोड़ टन उत्पादन की तुलना में 23 लाख टन कम रहने की संभावना है।

एआईएसटीए ने दूसरा अनुमान जारी करते हुए कहा कि चीनी उत्पादन के संशोधित अनुमान में इथेनॉल बनाने के लिए लगने वाली सुक्रोज की मात्रा को शामिल नहीं किया गया है। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन चालू सत्र में 1.13 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 के सत्र में यह 1.37 करोड़ टन रहा था। उक्त अवधि में पहले के 62 लाख टन के मुकाबले कर्नाटक में उत्पादन थोड़ा घटकर 55 लाख टन रहने की संभावना है। हालांकि उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 1.08 करोड़ टन से थोड़ा अधिक होने का अनुमान है, जो पिछले सत्र में 1.02 करोड़ टन था।

एआईएसटीए के अनुसार, ‘‘महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन में गिरावट मुख्य रूप से कम गन्ने की उपज और चीनी प्राप्ति दर में कमी के कारण है।’’ इसने कहा कि महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में चीनी मिलें बंद होनी शुरू हो गई हैं या पहले ही बंद हो चुकी हैं या केवल एक या दो पाली में काम कर पा रही हैं। यह पेराई सत्र के बंद होने के स्पष्ट संकेत दिखाता है। चालू सत्र में घरेलू खपत 2.75 करोड़ टन और निर्यात 60 लाख टन का होगा। इसमें कहा गया है कि ‘क्लोजिंग स्टॉक’ 60 लाख टन होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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