चीन, ताइवान से आयातित विनाइल टाइल्स पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश

Anti dumping duty
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महानिदेशालय ने अपनी जांच में पाया है कि इन देशों से भारत में विनाइल टाइल्स को बेहद सस्ती दरों पर निर्यात किया जा रहा है। इसका प्रतिकूल असर घरेलू टाइल्स उद्योग पर पड़ रहा है।

वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू टाइल्स उद्योग को संरक्षण देने के लिए चीन एवं ताइवान से आयात किए जाने वाले सस्ते विनाइल टाइल्स पर पांच साल के लिए डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। मंत्रालय के तहत गठित व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि चीन एवं ताइवान से आयात किए जाने वाले विनाइल टाइल्स पर शुल्क लगाया जाए। महानिदेशालय ने अपनी जांच में पाया है कि इन देशों से भारत में विनाइल टाइल्स को बेहद सस्ती दरों पर निर्यात किया जा रहा है। इसका प्रतिकूल असर घरेलू टाइल्स उद्योग पर पड़ रहा है।

डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि इन देशों से टाइल्स के आयात पर पांच साल के लिए डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की जाती है। विनाइल टाइल्स का इस्तेमाल घरों एवं वाणिज्यिक इमारतों में फ्लोरिंग के लिए किया जाता है। यह देखने में प्राकृतिक लगती हैं लेकिन यह असल में पीवीसी से बनी होती हैं। चीन एवं ताइवान से सस्ती विनाइल टाइल्स के आयात की शिकायत वेलस्पन फ्लोरिंग लिमिटेड और वेलस्पन इंडिया लिमिटेड ने की थी। डीजीटीआर ने अपनी जांच में इस शिकायत को सही पाया है। महानिदेशालय ने इसके आयात पर 2.05 डॉलर प्रति वर्ग मीटर और 1.44 डॉलर प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क लगाने की सिफारिश की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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