अरुण जेटली ने दिए संकेत, सीमेंट-एसी-टीवी पर कम होंगे दाम
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विश्वास जताया कि राजस्व बढ़ने पर आने वाले समय में सीमेंट, एसी और बड़े टेलीविजन सेट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम होगी।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विश्वास जताया कि राजस्व बढ़ने पर आने वाले समय में सीमेंट, एसी और बड़े टेलीविजन सेट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम होगी और केवल विलासिता और अहितकर उत्पाद ही कर की सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर के दायरे में रह जाएंगे। जेटली ने आज अपने फेसबुक पृष्ठ पर एक लेख में कहा कि जीएसटी से पहले की कर प्रणाली में घरों में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान पर 31 प्रतिशत कर लगता था। उन्होंने उसे ‘कांग्रेसी विरासत कर’ का नाम दिया।
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पिछले एक साल में 384 सामानों पर कर की दर कम हुई है। केंद्र और राज्य स्तर के कुल 17 करों को मिला कर नया जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था। जेटली ने कहा, ‘आज 28 प्रतिशत की कर श्रेणी को भी धीरे धीरे खत्म किया जा रहा है। इनमें से बचे अधिकांश सामान या तो विलासिता के सामान या अहितकर उत्पाद हैं। इनके अलावा इस श्रेणी में बचे अन्य सामानों में सीमेंट, एसी, बड़े पर्दे के टेलीविजन सेट तथा थोड़े मोड़े अन्य उत्पाद शामिल हैं।’
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आगे राजस्व में और वृद्धि होने पर ये कुछ सामान भी दूसरी श्रेणी में डाले जा सकते हैं। इस प्रकार 13 महीने की रिकॉर्ड अवधि में जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत की श्रेणी को चरणबद्ध तरीके से लगभग समाप्त कर दिया है। यह अब महज थोड़े समय की बात है जबकि ‘कांग्रेसी विरासत कर’ का मर्सिया पढ़ दिया जाएगा और इसमें सिर्फ लग्जरी और विलासिता के सामान ही बचेंगे।
सेवा क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी 68 श्रेणियों में कर की दरें कम हुई हैं। जेटली ने कहा, ‘जीएसटी दरें कम करने से सरकार को राजस्व में करीब 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चूंकि राज्य सरकारों को पहले पांच साल के दौरान जीएसटी के पूर्व स्तर से सालाना 14 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की गारंटी दी गयी है, इस लिए कर कटौती का पूरा बोझ केंद्र सरकार ने वहन किया है।’
उन्होंने कहा कि घरेलू इस्तेमाल के सभी सामानों पर कर की दरें 28 प्रतिशत से कम कर 18 प्रतिशत या 12 प्रतिशत कर दी गयी हैं। जेटली ने कहा कि सीमेंट छोड़ निर्माण कार्य में काम आने वाले अन्य सभी सामानों पर दरें कम हुई हैं। बिजली से चलने वाले अधिकांश घरेलू सामानों पर भी दरें कम हुई हैं। खरीदारों को जीएसटी से तैयार इस वातावरण से अच्छा खरीदारी का अवसर पहले कभी नहीं था। यह आजादी के बाद सबसे बड़ा कर-सुधार का जश्न मनाने का मौका है जिससे ‘कांग्रेसी विरासत कर’ की जगह ‘गुड एंड सिम्पल टैक्स (एक अच्छा और सरल कर)’ आ गया है। गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की पिछले सप्ताह हुई बैठक में 88 तरह के उत्पादों पर कर कम करने का निर्णय किया गया। यह कटौती आज से प्रभावी हुई है।
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