विश्व साइकिल दिवस के दिन बंद हुई एटलस की फैक्ट्री ! ले-ऑफ पर भेजे गए 450 कर्मचारी

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मीडिया रिपोट्स के मुताबिक कम्पनी के प्रबंधक ने कहा कि संचालकों के पास फैक्ट्री चलाने के लिए पैसे नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे बताया कि कम्पनी के पास तो कच्चा माल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं इसलिए कर्मचारी ले-ऑफ कर लें।

नयी दिल्ली। जब एक तरफ विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा था तभी देश की नामी साइकिल कम्पनी एटलस के एक हजार कर्मचारियों पर आफत आन पड़ी। 69 साल पुरानी एटलस साइकिल कम्पनी ने आर्थिक तंगी के चलते बुधवार को अपनी फैक्ट्री में काम रोक दिया। जिसकी वजह से करीब 450 कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा।

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक कम्पनी के प्रबंधक ने कहा कि संचालकों के पास फैक्ट्री चलाने के लिए पैसे नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे बताया कि कम्पनी के पास तो कच्चा माल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं इसलिए कर्मचारी ले-ऑफ कर लें। 

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क्या है ले-ऑफ

जब किसी भी कम्पनी के पास पैसे नहीं होते और वह काम करने की स्थिति में नहीं हो तो वह कर्मचारियों को ले-ऑफ कर देती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर वापस जाना होता है। ऐसे में कर्मचारी रोजाना कम्पनी जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है और उसे फिर उपस्थिति के आधार पर आधा वेतन मिलता है। एटलस द्वारा ले-ऑफ का निर्णय किए जाने के बाद गुस्साएं कर्मचारियों ने साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 की एटलस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों को कम्पनी के गेट से हटाने के लिए पुलिस का सहारा लिया गया और कर्मचारियों पर लाठियां बरसाई गईं।

आय का नहीं है कोई स्त्रोत

पिछले कई वर्षों से एटलस आर्थिक संकट का सामना कर रही है। यहां तक की कम्पनी ने अपने सभी फंड भी खर्च कर दिए हैं। ऐसे में कम्पनी के पास अब आय का कोई भी स्त्रोत नहीं बचा हुआ है। जिसके बाद कम्पनी ने कर्मचारियों को नोटिस जारी किया। नोटिस में प्रबंधक ने कर्मचारियों से कहा कि जब तक पैसा का प्रबंध नहीं हो जाता तब तक कम्पनी में कच्चा माल नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में संचालक फैक्ट्री को चला पाने में समर्थ नहीं हैं। कर्मचारियों के लिए जारी किए गए नोटिस में उन्हें 3 जून से ले-ऑफ करने के लिए कहा गया है। 

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कम्पनी का इतिहास

साल 1951 में जानकी दास कपूर ने इस कंपनी की स्थापना की थी। कम्पनी ने पहले ही साल रिकॉर्ड बनाते हुए 12 हजार साइकिलों का निर्माण किया था। देखते ही देखते 1965 में यह देश की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कम्पनी बन गई थी। इतना ही नहीं कम्पनी ने 1978 में भारत में पहली रेसिंग साइकिल पेश करके दुनिया में सर्वोच्च साइकिल उत्पादक कंपनियों में से एक होने का गौरव हासिल किया था।

एटलस की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक साल 2003 में एटलस ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज का पुनर्गठन हुआ और जयदेव कपूर को अध्यक्ष बनाया गया था और फिर 2005 में कम्पनी ने विदेशों में कई कम्पनियों के साथ रणनीतिक गठजोड़ किया।

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