कंपनियों की हालत गिरने से बैंकों का जोखिम बढ़ेगा: S&P

[email protected] । Nov 24 2016 5:05PM

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एण्ड पूअर्स (एसएण्डपी) का मानना है कि भारत में इस समय कंपनियों की वित्तीय स्थिति खराब होने से बैंकों के लिए अल्पकालिक दृष्टि से जोखिम बढ़ेगा।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एण्ड पूअर्स (एसएण्डपी) का मानना है कि भारत में इस समय कंपनियों की वित्तीय स्थिति खराब होने से बैंकों के लिए अल्पकालिक दृष्टि से जोखिम बढ़ेगा। उसका यह भी कहना है कि बड़े नोटों की पाबंदी से भी बैंकों द्वारा दिए गए ऋण की गुणवत्ता अल्पकाल में प्रभावित होगी। एसएण्डपी ने भारत के बैंकिंग उद्योग के जोखिमों पर अपने ताजा आकलन में कहा है कि 1000 और 500 रुपए के नोटों पर पाबंदी दीर्घकालिक दृष्टि से फायदेमंद होगी पर संक्रमण की स्थिति के कारण अल्पकाल में आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा और इसका बैंकों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

बैंकिंग इंडस्ट्री कंट्री रिस्क एसेसमेंट (इंडिया), शीर्षक इस रपट में कहा गया है कि ‘नोटों को चलन से हटाने के निर्णय से बैंकों में जमा बढ़ेगी पर इससे आने वाली सारी बचत बैंकों के पास हमेशा के लिए नहीं आएगी।’’ रपट में कहा गया है, ‘भारतीय कंपनियों के समक्ष जो बुनियादी और चक्रीय चुनौतियां हैं उससे देश में वित्तीय संस्थानों के समक्ष आर्थिक जोखिम बढ़ा है।’ रपट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत में कंपनियों की वित्तीय स्थिति का स्वरूप तेजी से बिगड़ा है। देश में औद्यागिक गतिविधियां धीमी हैं, जिंसों की कीमतें नरम हैं, परियोजनाओं के निष्पादन में कठिनाइयां हैं, लाभ का अनुपात कम है तथा कुछ क्षेत्रों में कर्ज का बोझ ऊंचा है।’

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