रियल एस्टेट क्षेत्र में काले धन का इस्तेमाल घटाः सचिव

Ministry of Housing Affairs

जोशी ने रियल एस्टेट क्षेत्र पर आयोजित उद्योग संगठन नारेडको-माही (एसोसएिशन का महिला प्रकोष्ठ) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संपत्ति लेनदेन में लगने वाले स्टांप शुल्क में कमी हुई है और इसमें आगे चलकर और भी कटौती की जानी चाहिए।

नयी दिल्ली|  आवास एवं शहरी मामलों के सचिव मनोज जोशी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में काले धन पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों से संपत्तियों की लेनदेन में गलत तरीके से प्राप्त राशि का उपयोग घटा है।

जोशी ने रियल एस्टेट क्षेत्र पर आयोजित उद्योग संगठन नारेडको-माही (एसोसएिशन का महिला प्रकोष्ठ) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संपत्ति लेनदेन में लगने वाले स्टांप शुल्क में कमी हुई है और इसमें आगे चलकर और भी कटौती की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि संपत्ति की खरीद-बिक्री में ईमानदारी या कालेधन के इस्तेमाल को तय करने में स्टांप शुल्क एक अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के साफ होने के संकेत पहले ही दिखाई देने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र को साफ करने के लिए काफी कुछ किया है। जोशी ने कहा, मुझे लगता है कि नियामकीय एजेंसियों एवं प्रवर्तन एजेंसियों की सख्ती बरतने का इस पर काफी असर पड़ा है।

उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि नारेडको और निर्माण उद्योग इस क्षेत्र में अधिक महिला पेशेवरों को लाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा, यह देखना काफी अजीब है कि महिलाएं इस क्षेत्र में मौजूद ही नहीं हैं।

जोशी ने रियल एस्टेट क्षेत्र के अधिक स्वच्छ हो जाने का दावा करते हुए कहा कि इस उद्योग में काम के लिए अधिक-से-अधिक महिलाओं को आना होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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