कोरोना वायरस फेक जानकारियों को रोकने के लिए क्या कर रहा है GOOGLE?

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गूगल कोरोना वायरस भ्रामक जानकारियों से निपटने के लिए 65 लाख डॉलर देगा।गूगल ने शुक्रवार को अपने एक ब्लॉग में कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने विशेष जोर देकर कहा है कि सूचनाओं की अधिकता से लोगों के लिए इस महामारी के बारे में विश्वसनीय जानकारी जुटाना मुश्किल हो जाएगा।

नयी दिल्ली। गूगल भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस से जुड़ी भ्रामक जानकारियों से निपटने पर 65 लाख डॉलर (करीब 49 करोड़ रुपये) की राशि खर्च करेगी। कंपनी इस राशि से कोरोना वायरस महामारी से जुड़े तथ्यों की सच्चाई जांचने वालों (फैक्ट चेकर्स) और गैर-लाभकारी संगठनों की मदद करेगी। गूगल ने शुक्रवार को अपने एक ब्लॉग में कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने विशेष जोर देकर कहा है कि सूचनाओं की अधिकता से लोगों के लिए इस महामारी के बारे में विश्वसनीय जानकारी जुटाना मुश्किल हो जाएगा। कंपनी ने कहा कि गलत सूचनाओं से लोगों को बचाने में मदद के लिए वैज्ञानिकों, पत्रकारों, लोकप्रिय लोगों और प्रौद्योगिकी मंचों समेत व्यापक प्रतिक्रिया की जरूरत है। कंपनी ने कहा, ‘‘हम दुनियाभर में इन गलत सूचनाओं से निपटने में लगे फैक्ट-चेकर्स और गैर-लाभकारी संगठनों की मदद के लिए 65 लाख डॉलर मुहैया करा रहे हैं।’’

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गूगल ने कहा कि फैक्ट-चेकर्स और स्वास्थ्य संस्थाओं को उन विषयों को चुनने में मदद करने की जरूरत है, जिसके बारे में लोग खोज (ऑनलाइन सर्चिंग) कर रहे हैं। साथ ही ऐसी सामग्री को भी चिन्हित करने की आवश्यकता है जहां अच्छी ऑनलाइन सूचना की उपलब्धता में अंतर है। कंपनी ने कहा कि इस काम के लिए हम भारत में बूम लाइव, नाइजीरिया में अफ्रीका चेक के साथ साझेदारी करने में ‘डाटा लीड्स’ की मदद कर रहे है। इसके तहत भारत और नाइजीरिया में करीब एक हजार पत्रकारों को प्रशिक्षित किया जाएगा।इसके अलावा गूगल की ‘गूगल न्यूज इनिशिएटिव‘ (जीएनआई) भी इस दिशा में कदम उठा रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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