क्या बैंक नोट की तरह मानी जाएगी डिजिटल करेंसी? RBI ने पेश किया यह प्रस्ताव
डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की ही तरह देखा जाए और इसी को लेकर RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव जारी किया है। सरकार ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि, आरबीआई ने इसको लेकर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का प्रस्ताव भी रखा था।
डिजिटल करेंसी या कहे क्रिप्टोकरंसी को लेकर सरकार ने निवेशकों को एक सख्त संदेश जारी किया है। बता दें कि, रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी के विनियमन को लेकर सरकार को एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक, डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की ही तरह देखा जाए और इसी को लेकर RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव जारी किया है। सरकार ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि, आरबीआई ने इसको लेकर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का प्रस्ताव भी रखा था। सोमवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि, इस प्रस्ताव से बहुत फायदे होंगे।
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इससे लोगों की कैश से निर्भरता कम होगी। सीतारमण ने आगे कहा कि, भारत में ऐसी करेंसी को कोई मान्यता नहीं दी जाएगी। सरकार बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन का कोई भी डेटा एकत्र नहीं करती है। रिजर्व बैंक द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में डिजिटल रूप में मुद्रा को शामिल करने के लिए बैंक नोट की परिभाषा का दायरा बढाया जा सकने की बात की गई है।आसान परिभाषा में समझें तो डिजिटल करेंसी को बैंक नोट के तहत शामिल किया जाए और इसे डिजिटल रुपया माना जाए। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरंसी से संबधित विधेयक को पेश करेगी जिसमें निजी क्रिप्टोकरंसी को बैन करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को रेगुलेट करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने की बात की गई है।
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