डीएनए अखबार का प्रकाशन बंद, अब डिजिटल पर ध्यान देगी

dna-newspaper-publication-stopped-now-will-focus-on-digital
[email protected] । Oct 9 2019 4:58PM

समूह के कुछ व्यावसायिक दांव सफल नहीं हुए हैं। समूह को नकदी संकट की वजह से कर्ज चुकाने में दिक्कत आ रही है। ऋणदाता प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखे गए शेयर बेच रहे हैं। प्रवर्तकों की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी है।

मुंबई। डेली न्यूज एंड एनालिसिस (डीएनए) ने बृहस्पतिवार से अपने प्रिंट संस्करण को बंद करने की घोषणा की है। अपनी मूल कंपनी जी समूह के समक्ष नकदी संकट के बीच डीएनए ने यह कदम उठाया है। डीएनए ने कहा है कि वह अब डिजिटल संस्करण पर ध्यान देगी। इसकी एक और वजह पाठकों की पढ़ने की प्राथमिकता में बदलाव आना भी है।

इसे भी पढ़ें: व्हिसलब्लोअर की जानकारी प्रकाशित करके अमेरिकी समाचार-पत्र ने खड़ा किया विवाद

डीएनए का प्रकाशन 14 साल पहले शुरू हुआ था। सुबह के इस अखबार का दिल्ली और अन्य केंद्रों से प्रकाशन पहले ही बंद हो चुका है। जी समूह के सुभाष चंद्रा की अगुवाई वाले एस्सल ग्रुप के स्वामित्व वाले ब्रॉडशीट अखबार ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद से डीएनए का आखिरी संस्करण बृहस्पतिवार को आएगा। 

इसे भी पढ़ें: ब्रिटेन के अखबार ने शाहबाज़ शरीफ पर लाखों रुपये का गबन का आरोप लगाया

उल्लेखनीय है कि चंद्रा परिवार वित्तीय दिक्कतों से जूझ रहा है। समूह के कुछ व्यावसायिक दांव सफल नहीं हुए हैं। समूह को नकदी संकट की वजह से कर्ज चुकाने में दिक्कत आ रही है। ऋणदाता प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखे गए शेयर बेच रहे हैं। प्रवर्तकों की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी है। समूह ने हालांकि मार्च से अब तक 6,500 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान किया है, पर अब भी उसके ऊपर 7,000 करोड़ रुपये का बकाया है। डीएनए में संपादक की आरे से पहले पृष्ठ पर लिखे नोट में कहा गया है कि प्रिंट और डिजिटल पाठकों में दोहराव हो रहा हैं। हमारे पाठक विशेषरूप से युवा वर्ग प्रिंट के बजाय मोबाइल फोन पर खबरें पढ़ना चाहते हैं। नोट में कहा गया है कि हम नहीं बदल रहे हैं सिर्फ माध्यम बदलेगा। नोट में कहा गया है कि डीएनए अब डिजिटल हो रहा है। इसमें नए और चुनौतीपूर्ण दौर में पाठकों का समर्थन मांगा गया है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़