Farmers Day 2025: हर साल 23 दिसंबर को मनाया जाता है किसान दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

हमारे देश में किसानों को अन्नदाता कहा जाता है, जो सिर्फ खेतों में फसल नहीं उगाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संतुलन और संस्कृति की नींव को संभालता है। किसानों के इसी सम्मान और योगदान को याद करने के लिए हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां पर आज भी देश की आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है। हमारे देश में किसानों को अन्नदाता कहा जाता है, जो सिर्फ खेतों में फसल नहीं उगाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संतुलन और संस्कृति की नींव को संभालता है। किसानों के इसी सम्मान और योगदान को याद करने के लिए हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है। किसान दिवस का यह दिन किसानों के आत्मसम्मान, संघर्ष और अधिकारों को याद करने का अवसर है।
इतिहास
किसान दिवस का दिन किसानों के साथ ही चौधरी चरण सिंह को भी समर्पित है। 23 दिसंबर को भारत के 5वें प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था। वहीं चौधरी चरण सिंह को भारतीय राजनीति में किसानों का मसीहा माना जाता है। उन्होंने अपना पूरा राजनीतिक जीलव ग्रामीण भारत, कृषि सुधारों और किसानों के लिए समर्पित किया।
महत्व
बता दें कि यह दिन किसानों के संघर्ष, मेहनत और योगदान को पहचान देता है।
कृषि से जुड़े मुद्दों जैसे फसल बीमा, कर्ज और जल संकट पर चर्चा को बढ़ावा देता है।
किसान दिवस का यह दिन युवाओं को खेती और एग्री टेक से जुड़ने की प्रेरणा देता है।
किसान दिवस नीति निर्माताओं को ग्रामीण भारत की जमीनी हकीकत याद दिलाने का काम करता है।
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