Budget 2022: बजट से पहले पेश होता है आर्थिक सर्वेक्षण, जानें क्या है इसका महत्व

Economic survey
अभिनय आकाश । Jan 27 2022 12:15PM

आर्थिक सर्वेक्षण एक प्रकार से केंद्र सरकार का आधिकारिक रिपोर्ट कार्ड भी माना जाता है। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक रोडमैप देता है और आगे का रास्ता बताता है। आर्थिक सर्वेक्षण वित्तीय वर्ष के दौरान देश भर में वार्षिक आर्थिक विकास का सारांश प्रदान करता है।

आम बजट आने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। वित्त मंत्री द्वारा फरवरी की पहली तारीख को संसद में बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय की ओर से इसको लेकर तैयारियां भी की जा रही हैं। लेकिन बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है, जिसे वित्त मंत्रालय का अहम दस्तावेज माना जाता है। वित्त मंत्रालय की तरफ से वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा (इकनॉमिक सर्वे) को एक खंड में जारी किया जा सकता है और इसमें अगले वित्त वर्ष के लिए लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है और इसका महत्व क्या है।

आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?

आम बजट से पहले वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किए जाने वाली समीक्षा को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की अनुपस्थिति में प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारी तैयार कर रहे हैं। परंपरागत रूप से इस दस्तावेज को सीईए की अगुवाई में तैयार किया जाता है। हालांकि, जुलाई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा को वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार इला पटनायक ने तैयार किया था और इसे तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में पेश किया था। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में रघुराम राजन की नियुक्ति के बाद उस समय सीईए का पद खाली था। बाद में अरविंद सुब्रमण्यम अक्टूबर, 2014 में सीईए नियुक्त हुए। के वी सुब्रमण्यम ने पिछले साल छह दिसंबर को सीईए के रूप में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया। 

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इसका महत्व क्या है?

इसे एक प्रकार से केंद्र सरकार का आधिकारिक रिपोर्ट कार्ड भी माना जाता है। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक रोडमैप देता है और आगे का रास्ता बताता है। आर्थिक सर्वेक्षण वित्तीय वर्ष के दौरान देश भर में वार्षिक आर्थिक विकास का सारांश प्रदान करता है। वार्षिक सर्वेक्षण बुनियादी ढांचे, कृषि और औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, कीमतों, निर्यात, आयात, मुद्रा आपूर्ति, विदेशी मुद्रा भंडार और भारतीय अर्थव्यवस्था और बजट पर प्रभाव डालने वाले अन्य कारकों के रुझानों का विश्लेषण करता है। सर्वेक्षण में आर्थिक विकास के पूर्वानुमान भी दिए गए हैं, औचित्य और विस्तृत कारण बताए गए हैं कि यह क्यों मानता है कि अर्थव्यवस्था तेजी से या धीमी गति से विस्तार करेगी। कभी-कभी, यह कुछ विशिष्ट सुधार उपायों के लिए भी तर्क देता है।

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1 फरवरी को पेश किया जाएगा बजट 2022-23 

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा और 8 अप्रैल को समाप्त होगा। 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।

9.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमानों के मुताबिक, अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ने 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान जताया है। विशेषज्ञों ने आधार प्रभाव का हवाला देते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए समीक्षा में लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है।

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