Economic survey 2023: लोकसभा में पेश किया गया आर्थिक सर्वे, 2023-24 में विकास दर 6 से 6.8% रहने का अनुमान

Economic Survey
ANI
अभिनय आकाश । Jan 31 2023 1:11PM

निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश करते हुए बताया कि फाइनेंसियल ईयर 24 जीडीपी विकास दर 6-6.8% देखी गई। सीएडी और बढ़ा तो रुपया दबाव में आ सकता है।

सभी की निगाहें अब केंद्रीय बजट पर हैं टिकी हैं। लेकिन केंद्रीय बजट से पहले वित्त मंत्री संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश किया हैं। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 6-6.8 प्रतिशत पर देखी गई है, जो अगले वित्त वर्ष में व्यापक आर्थिक चुनौतियों के कारण तीन वर्षों में सबसे कम है। फिर भी, यह एक आशावादी अनुमान है और भारत की अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आंकी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश करते हुए बताया कि फाइनेंसियल ईयर 24  जीडीपी  विकास दर 6-6.8% देखी गई। सीएडी और बढ़ा तो रुपया दबाव में आ सकता है। ऊंची कीमतों के बीच मजबूत घरेलू मांग से आयात बिल बढ़ेगा। वृद्धि में सहायता के लिए घरेलू मांग, पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी। 

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पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर फाइनेंसियल ईयर 2024 में महंगाई घटती है और अगर क्रेडिट की वास्तविक लागत में वृद्धि नहीं होती है, तो वित्त वर्ष 24 में क्रेडिट ग्रोथ तेज होने की संभावना है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत की मुद्रास्फीति इतनी अधिक नहीं है कि निजी खपत को कम कर सके या इतनी कम नहीं है कि निवेश में कमी आएगी। भारत पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के लिहाज से दुनिया की तीसरी, विनिमय दर के लिहाज से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।  

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वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था ने कोरोना महामारी काल में जो खोया, वह लगभग पा लिया है, जो रुका था, बहाल हो गया। महामारी के बाद देश का पुनरुद्धार काफी तेज। वैश्विक जिंस कीमतें ऊंची स्तर पर बनी रहने से चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है, रुपया पर भी आ सकता है दबाब। ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने असाधारण चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया। चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात वृद्धि में सुस्ती आई। 

राष्ट्रपति के अभिभाषण में क्या खास  बातें थी

 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि देश में अमृतकाल का 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है और हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करके अमृतकाल में प्रवेश किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि इन योजनाओं के केंद्र में महिलाओं का जीवन सुगम बनाना, महिलाओं को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देना और महिला सशक्तीकरण अहम रहा है।  

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