हस्तशिल्प निर्यातकों ने की कपड़ा निर्यातकों जैसी कर रियात की मांग

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ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के. पासी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि छह जून को दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में व्यापार बोर्ड और व्यापार विकास एवं प्रोत्साहन परिषद की बैठक हुई।

नयी दिल्ली। हस्तशिल्प निर्यातकों के संगठन हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईपीसीएच) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के समक्ष उन्हें भी कपड़ा निर्यातकों की तरह केंद्रीय एवं राज्यस्तरीय करों से छूट दिलाने की मांग रखी। ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के. पासी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि छह जून को दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में व्यापार बोर्ड और व्यापार विकास एवं प्रोत्साहन परिषद की बैठक हुई।

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इस दौरान उनके समक्ष जीएसटी की वजह से ड्यूटी ड्रॉबैक (प्रशुल्क वापसी) की दरों में कमी का मामला उठाया गया। इसकी भरपाई करने के लिए उनसे हस्तशिल्प निर्यातकों को भी कपड़ा निर्यातकों की भांति केंद्र और राज्य करों में छूट योजना का लाभ देने का अनुरोध किया गया। 

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इसके अलावा बाजार पहुंच पहल (एमएआई) के तहत कोष के आंवटन में बढ़ोत्तरी की मांग भी रखी गयी। इसी योजना के तहत लातिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई देशो, रूसी संघ के देश, अफ्रीकी और आसियान देशों के अलावा अन्य विकसित देशों से आने वाले खरीदारों को भी होटल एवं हवाई किराये के पुनर्भरण का अनुरोध किया गया। उन्होंने कहा कि संगठन ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए मंत्रालय समेत वित्त, वस्त्र मंत्रालय, विदेश व्यापार महानिदेशालय और सीमा शुल्क विभाग के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक अधिकार प्राप्त नीति निर्धारण समूह गठित करने की मांग की। वित्त वर्ष 2018-19 में देश का हस्तशिल्प निर्यात 15.46 प्रतिशत बढ़कर 26,590.25 करोड़ रुपये रहा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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